एशिया कप में भारतीय टीम की खिताबी उम्मीदें आखिरी मैच से पहले ही खत्म हो गईं. सबसे ज्यादा 7 बार एशिया कप का खिताब जीतने वाली और डिफेंडिंग चैंपियन भारतीय टीम को सुपर फोर स्टेज में लगातार दो हार का खामियाजा भुगतना पड़ा है. टीम इंडिया टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने से चूक गई और अपने खिताब की रक्षा करने में नाकाम रही है. टीम इंडिया को मुकाबले में बने रहने के लिए अफगानिस्तान की जीत की जरूरत थी, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा होने नहीं दिया.
अफगानिस्तान की जीत की थी जरूरत
दुबई में पहले पाकिस्तान और फिर श्रीलंका के हाथों मिली हार ने टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को पहले ही धूमिल कर दिया था. भारत की उम्मीदें पाकिस्तान की हार पर टिकी थीं और उसके लिए पहले अफगानिस्तान को अपना मुकाबला जीतने की जरूरत थी, जिसके बाद टीम इंडिया को फिर गुरुवार को अफगानिस्तान से भिड़ना है. अगर अफगानिस्तान जीत जाती, तो टीम इंडिया के पास एक मौका और रहता, लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
पाकिस्तान-श्रीलंका फाइनल में
शारजाह में बुधवार 7 सितंबर को हुए मुकाबले में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को 1 विकेट से हराते हुए टूर्नामेंट के फाइनल में श्रीलंका के साथ अपना नाम लिखाया. दोनों के बीच रविवार 11 सितंबर को ये फाइनल होगा. इस मुकाबले में अफगानिस्तान के बल्लेबाजों ने खासा निराश किया और टीम पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवरों में सिर्फ 129 रन ही बना सकी. हालांकि, गेंदबाजी और फील्डिंग में अफगानिस्तान ने जरूर दम दिखाया और पाकिस्तान के पसीने छुड़ाए, लेकिन आखिरकार छोटा स्कोर उसके खिलाफ गया.
भारत-अफगानिस्तान बाहर
इस तरह 2016 और 2018 में लगातार दो बार टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाली भारतीय टीम की फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें खत्म हो गईं. सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अफगानिस्तान का सफर भी यहीं खत्म हो गया. अफगानिस्तान ने टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत करते हुए श्रीलंका और बांग्लादेश को हराते हुए सुपर फोर में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन इस दौर में उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. अब भारत और अफगानिस्तान अपने-अपने आखिरी मैच में एक-दूसरे से टकराएंगे.