बिहार में बड़ी संख्या में राशन कार्ड को सरकार रद करने जा रही है। इसका सर्वाधिक असर वैसे लोगों पर पड़ेगा, जो किसी सरकारी कार्यालय में नौकरी करते हैं। मामूली वेतन पर काम करने वाले संविदा कर्मी भी इस आदेश की जद में आने वाले हैं। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में शामिल वैसे अपात्रों का राशन रद करने का निर्देश दिया है, जो नियम के हिसाब से पात्रता नहीं रखते हैं। बकायदा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह संशोधन भी किया गया है।
31 मई तक पूरे राज्य में चलेगा अभियान
ऐसे लोगों के राशन कार्ड रद करने या उससे नाम हटाने के लिए 31 मई तक पूरे प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाने को कहा गया है। बिहार सरकार के खाद्य सचिव विनय कुमार की ओर से इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है।
ऐसे सभी लोग होंगे सूची से बाहर
खाद्य सचिव विनय कुमार ने मंगलवार को बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्र के अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र के चार पहिया वाहन प्रयुक्त करने वाले परिवार, सरकारी नौकरी करने वाले परिवार, आयकर अदा करने वाले, एक सिंचाई वाले उपकरण के साथ ढाई एकड़ सिंचित भूमि, 5 एकड़ सिंचित भूमि, व्यावसायिक कर अदा करने वाले व अन्य साधन सम्पन्न परिवार को अपना राशन कार्ड वापस करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जो राशन कार्ड डेड है, उसे भी तत्काल रद किया जाए। जो लोग आयकर दे चुके हैं या आयकर भुगतान कर रहे हैं और उनके नाम पर राशन कार्ड निर्गत है, उन लोगों के भी कार्ड रद किए जाएं। जिनको सरकारी नौकरी है और 10 हजार रुपये से ज्यादा प्रतिमाह वेतन पा रहे हैं, उनके भी राशन कार्ड रद किए जाएं।