सोनबरसा (सीतामढ़ी)। भीषण गर्मी में अचानक बाढ़ की घटना ने सबको चौका दिया है। नेपाल के जलअधिग्रहण क्षेत्र में पानी का दबाव बढ़ने के बाद वहां से निकलनेवाली लखनदेई नदी उफना गई है तो झिम व गोगा नदी लबालब भरी हुई है। सोनबरसा-कन्हौली व मेजरगंज पथ पर पानी बह रहा है।
कन्हौली एसएसबी कैंप व बाजार के बीच पुलिया का निर्माण हो रहा था वह भी बाढ़ के पानी से रूक गया है। सिर्फ पैदल आवाजाही हो पा रही है, दो पहिया व बड़े वाहन भी नहीं चल रहे हैं। लखनदेई नदी का पानी खाप खोपराहा, कन्हौली, भारसर, पिपरा व दादन के सरेह में फैल गया है। इससे करीब पांच से सात हजार की आबादी प्रभावित हुई है। पहली मई को परिहार प्रखंड में हरदी नदी भी इसी तरह उफना गई थी। अचानक बाढ़ की घटना ने सबको चौंका दिया। नदी में जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ गया कि पानी सड़कों से उफनकर बहने लगा।
भीषण के इस दौर में अगर कहीं बाढ़ आ जाए तो चौंकना स्वाभाविक है। बतातें चले कि जिस स्थान पर दो सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री का हेलीपैड बना था वहां पानी भर चुका है। पिछले एक दशक से बाढ़ की चपेट में कन्हौली, खाप खोपराहा, बगहा, मड़पा, कचोर व भुतही पंचायत आती रही है। सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है। आम लोगों को उम्मीद थी कि इस वर्ष बाढ़ के पानी से निजात मिलेगा मगर, ऐसी उम्मीद अब नहीं दिखती।
फिर एक बार बाढ़ की विभीषिका झेलनी होगी। हर साल एसएसबी कैंप के नजदीक सड़क पर कटाव हो जाता है जिससे करीब दो माह तक लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। करीब 20 दिन पूर्व इस सड़क पर आरईओ द्वारा पुल का निर्माण कार्य आरंभ किया गया लेकिन, गुरुवार रात अचानक आई बाढ़ ने कार्य पर ब्रेक लगा दिया है। आम लोगो ने संवेदक से कहा कि बाढ़ का खतरा सिर पर है इतनी जल्दी पुल तैयार नहीं हो पाएगा।
ऐसी स्थिति में सड़क का कटाव नहीं करें। संवेदक भरोसा दिलाया था कि बाढ़ से पहले पुल बनकर तैयार हो जाएगा। आखिरकार जिसका डर था वही बात हो गई। आवागमन ठप पड़ गया है। जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष सह वर्तमान जिला पार्षद उमा देवी ने कहा कि इस बार भी बाढ़ से मुक्ति नहीं मिल पाएगी। इंडो-नेपाल सड़क पर मात्र एक छोटी पुलिया का निर्माण कराया गया जिससे सरेह का पानी निकलना मुश्किल है। एक और बड़े पुल की आवश्यकता है।
स्रोत दैनिक जागरण