रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर स्वदेश लौटे भारतीय छात्रों के लिए अच्छी खबर है। चेन्नई में रूस के महावाणिज्य दूतावास ओलेग अवदीव ने कहा कि यूक्रेन से निकले भारतीय छात्र रूस में अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। उन्होंने उन छात्रों को अपने यहां शिक्षा पूरी करने के लिए आमंत्रित किया है
ओलेग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि युद्ध के कारण यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और रूस में चिकित्सा पाठ्यक्रम लगभग समान है। वे लोगों की भाषा भी जानते हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में अधिकांश लोग रूसी बोलते हैं। बता दें कि 23 अक्तूबर को कीव में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर युद्ध प्रभावित देश में वर्तमान में रह रहे भारतीय नागरिकों को भी जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने को कहा था।
रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए थे भारतीय नागरिकों के लिए पांच उपलब्ध सीमा-पार करने के विकल्पों पर भी जानकारी साझा की गई थी। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने 20 अक्तूबर को एक बयान जारी कर भारतीय नागरिकों से यूक्रेन की यात्रा न करने को कहा था, क्योंकि रूस द्वारा पूर्वी यूरोपीय देश पर बढ़ती शत्रुता का हवाला दिया गया था। बता दें कि फरवरी में रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए थे। सरकार की पहल के बाद वहां छात्रों को निकाला गया था।
ब्रिटेन ने जब्त की रूस की 18 अरब पाउंड की संपत्ति
यूक्रेन युद्ध के बीच ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। ब्रिटेन सरकार ने गुरुवार को रूस की 18 अरब पाउंड की संपत्ति को फ्रीज कर दिया। ये संपत्ति रूस के अमीर लोगों, संस्थाओं और अन्य व्यक्तियों की है। ब्रिटेन की सरकार की ओर से रूस के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
यूक्रेन का एशियाई देशों के साथ समझौता
यूक्रेन ने गुरुवार को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ एक शांति समझौते पर दस्तखत किए। यह बहुत हद तक एक प्रतीकात्मक कदम है, जो ऐसे में आया है जब रूस को अलग-थलग करने के लिए यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की जुगत में है। नोम पेन्ह में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलबेला ने दक्षिण पूर्व एशिया में मित्रता और सहयोग पर संधि (टीएसी) पर हस्ताक्षर किए।
खेरसॉन के 12 गांवों पर दोबारा कब्जा
यूक्रेन ने गुरुवार को दावा कि उसकी सेना ने दक्षिणी खेरसॉन में 12 गांवों पर दोबारा कब्जा कर लिया है। यूक्रेन का ये बयान ऐसे समय आया है, जब रूस ने खेरसॉन से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है। यूक्रेनी कमांडर-इन-चीफ वालेरी जालुजनी ने कहा कि सेना कुल मिलाकर खेरसॉन के 200 वर्ग किलोमीटर (75 वर्ग मील) से अधिक क्षेत्रफल पर दोबारा कब्जा कर लिया है। वहीं, नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने गुरुवार को कहा कि वह यह देखने का इंतजार कर रहे हैं कि खेरसॉन से रूस सेना कैसे वापस लौटती है और इस बात की पुष्टि करती है कि उसने खेरसॉन छोड़ दिया है। खेरसॉन से रूस की सेना का पूरी तरह जाना यूक्रेन की एक और बड़ी जीत होगी