कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को ध्यान में रखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य कांग्रेस के विधायकों की बैठक बुलाई थी. गहलोत ने अपने आवास पर ही विधायकों को बुलाया था और राष्ट्रीय राजनीति में अपने नाम को लेकर चर्चा की. सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि वो अभी भी राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मनाने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी नहीं मानते हैं तब वो अपना नामांकन करेंगे. अशोक गहलोत ने अध्यक्ष बनने के लिए हाई कमान के सामने कई शर्तों के साथ सहमति दी है.
विधायकों के साथ मीटिंग में अशोक गहलोत ने यह भी कहा है कि कुछ भी हो जाए वो राजस्थान नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के साथ वो सीएम भी बने रह सकते हैं. बैठक में शामिल हुए विधायक भी चाहते हैं कि गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री बने रहें. मीटिंग में विधायकों ने उनसे यह अपील भी की. गौरतलब है कि पार्टी हाई कमान के सामने अशोक गहलोत ने शर्त रखी है कि अगर वो अध्यक्ष बनते हैं, तो भी राज्य की कुर्सी खाली नहीं करेंगे और मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे. उन्होंने यह भी शर्त रखी है कि अगर ऐसा नहीं भी होता है तो वो अपने किसी चहेते को सीएम की कुर्सी सौंपेंगे.
गहलोत की शर्तों से टेंशन में हाई कमान
हालांकि अशोक गहलोत की इन शर्तों ने कांग्रेस हाई कमान को टेंशन में डाल दिया है. गहलोत की इन शर्तों के बाद राज्य कांग्रेस में फूट की आशंका बनी हुई है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं और वो अभी केरल में हैं. इस बीच मंगलवार को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली में थे. पायलट को यह उम्मीद थी कि अगर गहलोत को नई जिम्मेदारी मिलती है तो उनको सीएम की कुर्सी मिल सकती है. पायलट के समर्थक विधायक भी इसी उम्मीद में थे, लेकिन गहलोत की शर्तों ने सभी संभावनाओं पर रोक लगा दी है.
राहुल गांधी नहीं बनना चाहते अध्यक्ष
उधर राहुल गांधी ने अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के बीच में से वापस नहीं आ सकते. हालांकि नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवार का मौजूद होना जरूरी है. दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से एनओसी मिलने के बाद वो पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए जल्द ही नामांकन दाखिल करेंगे.