बिहार के गया जिले की एक सत्ताइस वर्षीय महिला को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उम्मीद है कि उसे उसका बेटा वापस मिल जाएगा। दरअसल, साल 2015 में महिला पर अपने पति की कथित तौर पर हत्या करने का आरोप लगा था। तब उसका बच्चा पांच महीने का था। अब उसकी उम्र सात साल है।
पटना हाईकोर्ट के समक्ष इस सात वर्षीय बच्चे का दो बार ‘मृत्यु प्रमाण पत्र’ पेश किया गया था। लेकिन पुलिस को यह बच्चा अब मुन्नी देवी के ससुराल वालों के साथ मिला है। बच्चा अभी किसी सरकारी घर में है।
महिला ने अदालत में पेश कीं बेटे की हालिया तस्वीरें
पति की कथित हत्या के मामले में जेल से बाहर आने के बाद मुन्नी देवी ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अपने बच्चे को वापस मांगा है। महिला ने अदालत के समक्ष अपने बच्चे की हालिया तस्वीरें पेश कीं ताकि यह साबित किया जा सकते कि वह अभी जिंदा है।
महिला के वकील ने क्या कहा?
उनके वकील अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह की खंडपीठ ने 12 सितंबर को अपने मौखिक आदेश में कहा था कि कोर्ट मुख्य रूप से बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। कोर्ट के आदेश के बाद बच्चे का पता लगा लिया गया और अब उसे गया के बाल कल्याण गृह में रखा गया है।
11 अक्तूबर के बाद ही बेटे से मिल पाउंगी : मुन्नी देवी
मुन्नी देवी ने बताया, हाईकोर्ट के दखल के बाद ही 11 अक्तूबर को सुनवाई की अगली तारीख के बाद मैं अपने बेटे से मिल सकूंगी। जेल भेजे जाने पर मेरा पांच महीने का बेटा मुझसे अलग हो गया था।
महिला बच्चे को साथ ले जा पाएगी या नहीं, कोर्ट तय करेगा
हालांकि कोर्ट ने अपने हालिया आदेश में केवल 11 अक्तूबर की सुनवाई की अगली तारीख तय की है। हालांकि यह साफ नहीं है कि याचिकाकर्ता महिला उस दिन अपने बेटे को अपने साथ ले जा पाएगी या नहीं।