देश का हर शिक्षित युवा बस यही सोचता है की काश वह IAS-IPS अफसर बन जाये, परन्तु इस पद पर आसीन होने के लिए UPSC की कठिन परीक्षा को क्रैक करना होता है, जो देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इसे क्लियर करना हर किसी के किये संभव नहीं होता है। कड़ी मेहनत और लगन के साथ तैयारी करने के बाद भी इस सफलता को हासिल किया जा सकता है।
नवजीवन पवार का बचपन में सामान्य जीवन शैली में लालन पालन हुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही की। इसके बाद जीवन में कुछ बनने का सपना लिए उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया। अपने पिता की सलाह पर नवजीत UPSC की तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए।
देश की राजधानी में रहकर उन्होंने हर रोज़ मेहनत की। उन्होंने अपने आस पास कई योग्य छात्रों को निराश होते हुए देखा, परन्तु उन्होंने अपनी लालसा कम ना होने दी। नवजीत ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी निराश नहीं हुये और मेहनत करते रहे।
नवजीवन पवार के पिता किसान हैं और वे पढ़ाई के दौरान अपने पिता की मदद के लिए खेतों में काम भी करते थे। इसके अलावा नवजीवन खेतों में हल भी चलाया करते थे। नवजीत यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुके थे। मुख्य परीक्षा में केवल 1 महीने का समय बचा था, तभी नवजीत को डेंगू हो गए।
महाराष्ट्र के नासिक के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं नवजीवन के पिता ने वापस अपने घर नासिक बुला लिया, जहां उन्हें कुछ वक्त आईसीयू में रहना पड़ा। ऐसे कठिन समय में नवजीत पूरी तरह निराश हो चुके थे। उनके पिता ने उन्हें दिलासा दिया। नवजीत के पिता किसान हैं। अपने परिवार और मित्रों के सपोर्ट की बदौलत नवजीवन ने अस्पताल में ही रहकर पढ़ाई शुरू कर दी।
अस्पताल के डॉक्टर और अन्न कर्मी भी नवजीत का हौसला देख कर हैरान थे। अधिकतर तैयारी नवजीत ने हॉस्पिटल में ही पूरी की। नवजीवन ने तो अपनी किस्मत को ही बदल दिया और भविष्यवाणी को भी उसके सामने हारना पड़ा। एक ज्योतिष ने नवजीवन को कहा कि वह यूपीएससी क्रैक नहीं कर पाएंगे।
ऐसे में नवजीवन ने यह संकल्प ले लिया था कि यूपीएससी परीक्षा क्रैक करके ही रहेंगे। इसके बाद उन्हें कुत्ते ने काट लिया था और उनके मोबाइल से बहुत सारा पढाई का डेटा भी खराब हो गया। इस तरह से नवजीवन पवार का पूरा साल खराब गुजरा। यूपीएससी एग्जाम से पहले नवजीवन अपने जीवन में कई मुश्किल हालातों से गुजर चुके थे।
इस सब कठिनाइयों को हरा कर नवजीत ने परीक्षा क्रैक की और यूपीएससी में सफलता हासिल कर लाखों युवाओं के लिए मिसाल पेश कर दी। यूपीएससी-2018 के जारी परिणाम में नवजीत ने 316 वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनने का सपना सच कर दिखाया।