केंद्र सरकार द्वारा PFI पर पांच साल का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से सियासत तेज हो गई है। विपक्ष के कई नेता पीएफआई के बैन के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस को पीएफआई से भी बदतर बताया और इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग की। लेकिन लालू के बयान के बाद भाजपा भी हमलावर हो गई। भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने लालू को करारा जवाब दिया है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर लालू से कई सवाल दाग दिए। उन्होंने लिखा कि हमें आरएसएस का स्वयंसेवक होने पर गर्व है,क्या लालू यादव कह सकते हैं कि वह PFI के सदस्य हैं? बिहार में उनकी सरकार है, हिम्मत है तो बिहार में आरएसएस को बैन कर दो।
जानें क्या कहा था लालू ने?
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि आरएसएस और पीएफआई दोनों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए था। आरएसएस भी हिंदू चरमपंथ को बढ़ावा देता है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई से हालात बद से बदतर हो गए हैं। देश में हिंदू-मुस्लिम करके कट्टरता फैलान की कोशिश की जा रही है। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना है।
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह पर बोला हमला
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा कि आरएसएस और पीएफआई के बीच तुलना केवल राजनीति से प्रेरित है। क्या दिग्विजय सिंह कह सकते हैं कि वह पीएफआई सदस्य हैं? लेकिन मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं आरएसएस कार्यकर्ता हूं। यह कोई नहीं कह सकता। आप उस पार्टी से क्या उम्मीद करेंगे जो जाकिर नाइक को ‘शांतिगुरु’ कहती है और ‘टुकड़े-टुकड़े’ गैंग का समर्थन करती है।
जो RSS की तुलना पीएफआई से कर रहे वे मानसिक रूप से विक्षिप्त: इंद्रेश कुमार
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो लोग प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं और पीएफआई की तुलना आरएसएस से कर रहे हैं, वे ‘मानसिक रूप से विक्षिप्त’ हैं। इंद्रेश कुमार ने कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना समय की सबसे बड़ी जरूरत थी। सरकार ने देश, लोकतंत्र और मानवता की रक्षा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस फैसले के लिए सरकार की प्रशंसा करने के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं है।
पीएफआई पर क्या आरोप हैं?
PFI एक कट्टरपंथी संगठन है। 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह संगठन मुस्लिमों पर धार्मिक कट्टरता थोपने और जबरन धर्मांतरण कराने का काम करता है। एनआईए ने पीएफआई पर हथियार चलाने के लिए ट्रेनिंग कैंप चलाने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं यह संगठन युवाओं को कट्टर बनाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी उकसाता है।