बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में की जाने वाली जाति आधारित गणना के बारे में सोमवार को कहा कि यहां यह इतने अच्छे ढंग से होगी कि लोग इसकी प्रशंसा करेंगे। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान जाति आधारित गणना से संबंधित सवाल पर नीतीश ने कहा कि अगर जाति आधारित गणना हो जाएगी, तो धर्म, जाति, ऊंची जाति, पिछड़ी जाति, दलित, जनजाति सबके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे समुदाय विशेष की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलेगी और उसको बेहतर करने के लिए काम किया जाएगा।
एक महीने बाद जाति आधारित गणना पर शुरू होगा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना को लेकर राशि आवंटित कर दी गई है और एक महीने की तैयारी के बाद जाति आधारित गणना पर काम शुरू हो जाएगा। नीतीश ने कहा कि बिहार में सर्वसम्मति से जातीय गणना की बात हुई है। सामान्य प्रशासन विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत अच्छे ढंग से जाति की गणना की जायेगी। नीतीश ने कहा कि बिहार के बाहर रहने वालों लोगों की भी जानकारी लेकर उनकी गणना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह वर्ष 1990 से ही कह रहे हैं कि इस तरह की गणना एक बार होनी चाहिए।
‘जाति आधारित गणना अच्छे ढंग से होगी कि बाकी लोग भी इसकी प्रशंसा करेंगे’
नीतीश ने कहा कि वर्ष 2010-11 में जो केंद्र सरकार के द्वारा गणना की गई है, उसे भी प्रकाशित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इसके संबंध जानकारी मिली है कि यह ठीक ढंग से नहीं हुई थी, लेकिन हमलोग यहां इसे बढ़िया ढंग से कराएंगे। उन्होंने कहा कि यहां के अधिकारी इसे अच्छे ढंग से करेंगे और सभी पार्टी के लोग मिलकर इसपर काम करेंगे। यहां यह इतने अच्छे ढंग से होगी कि बाकी लोग भी इसकी प्रशंसा करेंगे। नीतीश ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ इसको लेकर एक-दो बैठक और करेंगे कि तेजी से और बढ़िया से काम हो सके।
मांझी के दावे पर टिप्पणी से इनकार
उन्होंने कहा कि इस काम में वैसे लोगों को भी इसमें शामिल किया जाएगा जो पहले किसी जनगणना कार्य में शामिल थे या इसका अनुभव रखते हैं। मुख्यमंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के उस दावे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि नीतीश कुमार राजग में घुटन महसूस कर रहे हैं। नीतीश ने कहा कि उनको ऐसा नहीं लगता और वह राजग के हिस्सा हैं।