ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वे दुकानदार और कारोबारी परेशान हैं, जो पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी गेट के अलावा चारों कटरों में कारोबार कर रहे हैं। सोमवार की शाम को जैसे ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चर्चा चली, लोगों ने कोर्ट का आदेश की जानकारी करना शुरू कर दिया है।
ताजमहल के आसपास 400 से ज्यादा दुकानें, एंपोरियम और होटल हैं। ज्यादातर दुकानें और एंपोरियम घरों में खुले हुए हैं। ताज के पश्चिमी गेट स्थित एडीए की मार्केट के दुकानदारों की दायर की गई याचिका में जिस पश्चिमी गेट की दुकानों में व्यावसायिक गतिविधियों का हवाला दिया गया है, वहां अवैध रूप से कई गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप हैं। वहीं दुकानदारों का कहना है कि अगर व्यावसायिक गतिविधियां बंद हुईं, तो उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
दुकानदार लॉकर की तरह से पर्यटकों का सामान बिना जांचे-परखे रख रहे हैं, वहीं पर्यटकों के साथ ठगी की कई घटनाएं पश्चिमी गेट पर हो चुकी हैं। दक्षिणी गेट पर ताज की दीवार से सटाकर पूरा बाजार तैयार हो गया है। यहां जूते की इकाइयां, एंपोरियम, फोटो स्टूडियो, होटल, रेस्टोरेंट और पेठे आदि की दुकानें संचालित की जा रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दक्षिणी गेट के निवासी ताहिर उद्दीन ताहिर का कहना है कि आदेश की सत्यापित प्रतिलिपि का अध्ययन किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो ताजगंज के लोग सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए जाएंगे।
इससे पहले भी वर्ष 1996 में अपना पक्ष रखने के लिए ताजगंज के लोग सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। तब अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रशासन ने मनमाने ढंग से व्याख्या कर ली थी।
दुकानदारों का कहना है कि ताजमहल के आसपास होटलों और दुकानों में पर्यटकों के सहारे ही कारोबार चलता है। अगर यहां व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो गईं, तो हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।