केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी पटना पहुंची हुई हैं. यहां उन्होंने पर लिखी किताब का रविवार उद्घाटन किया. कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भवन में किया गया है. जा रहा है. इसे लेकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में खास उत्साह देखने को मिल. पार्टी के नेता केंद्रीय मंत्री के स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. वहां से स्मृति इरानी सीधे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने राजनीति करने के विचारधारा को बदला है. मोदी की किताब से लोगों को प्रेरणा मिलती रहेगी.
पीएम मोदी को बताया मंत्र
केंद्रीय मंत्री ने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पिछले 20 वर्षों से काम कर रही हूँ. उन्होंने पीएम मोदी के लिए कहा कि मोदी मंत्र हैं, मिशन हैं, मेथड हैं. मिशन यह कि भारत विश्व मे न सिर्फ शक्ति की दृष्टि से बल्कि हर दृष्टि से आगे रहे. नरेंद्र मोदी जी के बारे में लोग कर्मयोगी कहते हैं. इनके कार्यकाल के एक अंश 1979 में मोरवी जिला में बांध टूटने पर 25 हज़ार लोगों की मृत्यु हो गई थी. नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी का इंतजार न कर हम मिलकर काम करें और इसे फिर से बनायें. पीएम नरेंद्र मोदी जी का यह अनुभव तब काम आया जब कच्छ में भूकंप आया तो समाज के साथ मिलकर इसे संवारा गया.
लक्ष्य से नजर नहीं हटाते पीएम मोदीः स्मृति
नरेंद्र मोदी इज अ मेथड, उन्होंने कहा कि नर्मदा का पानी गुजरात तक न पहुंचे इस तरह का उपक्रम कांग्रेस की सरकार ने किया लेकिन नरेंद्र मोदी ने जलशक्ति के जरिये इसका जमकर मुकाबला किया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जनता की समस्या समाधान के लिए काम करते हैं. लक्ष्य से अपनी दृष्टि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी हटने नहीं दिया.
रोचक है ये पुस्तक
प्रधानमंत्री ने कहा. जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान. इस पुस्तक की प्रति में उन तमाम बातों को पढ़ पाएंगे. कर्मयोद्धा क्रिया का प्रतीक है और कर्मयोगी आचरण का प्रतीक है. बार बार कटाक्ष होता है प्रधानमंत्री के ऊपर ऐसे राजनैतिक प्रतिद्वंदी द्वारा जिन्हें उनके सहयोग की जरूरत है. प्रधानमंत्री बनने के रेस में कई होंगे, लेकिन प्रधानसेवक बनने के रेस में सिर्फ एक है, जो 2024 में फिर से पूर्ण बहुमत में आयेगा. स्मृति ईरानी ने पुस्तक के बारे में भी बताया. कहा कि बूथ तक और पन्ने तक कैसी व्यवस्था हो इसका जिक्र पुस्तक में मिलेगा. उन्होंने कहा कि जितनी रणनीति की बात की इस किताब में है वह न सिर्फ इसे कार्यकर्ता पढ़ेंगे बल्कि विरोधी भी पढ़ेंगे.