भारतीय रेल के द्वारा बिहार के उन हिस्सों को रेल लाइन से जोड़ने का प्रयास चल रहा है जहां पर अभी रेलवे सेवा उपलब्ध नहीं है। राज्य के कई ऐसे कस्बे और नगर परिषद तक है जहां पर अभी तक रेल लाइन नहीं पहुंचे। इन इलाकों में रेलवे लाइन की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही जिन रेलखंड ऊपर विद्युतीकरण नहीं है वहां पर विद्युतीकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर- सुगौली रेल लाइन पर दोहरीकरण का काम पूरा कर लिया गया है।
इसी हफ्ते शुरू हो सकता है परिचालन।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुजफ्फरपुर-सुगौली रेललाइन दोहरीकरण परियोजना के तहत चकिया व महवल के बीच नई रेललाइन पर 17 मार्च से परिचालन शुरू हो सकता है। बताया जाता है कि नई रेललाइन पर विद्युतीकरण कार्य पूरा हो चुका है। 14 किमी लंबी नई रेल लाइन पर अभी ट्रायल के तौर पर मालगाड़ियां चलेंगी। इसमें ट्रायल के दौरान कमियों को दूर किया जाएगा। सीआरएस के निरीक्षण के बाद यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।
पूर्व मध्य रेलवे के निर्माण विभाग के उप मुख्य विद्युत अभियंता ने नई रेललाइन पर 25 हजार वोल्ट के तार में बिजली चालू करने का निर्देश दिया है। इसे लेकर रेललाइन के आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया गया है। महवल तक काम पूरा होने के बाद अब मोतीपुर व आसपास के इलाकों में दोहरीकरण कार्य में तेजी आ सकती है।
मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर दो हिस्सों में चल रहा काम।
मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज मार्ग से गोरखपुर तक दोहरी रेल लाइन परियोजना को दो हिस्से में बांटकर निर्माण चल रहा है। इसमें मुजफ्फरपुर-सुगौली और सुगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड दोहरीकरण का काम होना है। सुगौली से महवल तक दोहरीकरण के तहत बनी नई रेललाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा सकता है। परियोजना पूरी होने से मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज मार्ग से गोरखपुर तक ट्रेनों की रफ्तार सौ से बढ़ाकर 110 किमी प्रतिघंटे की जा सकती है।