मधेपुरा. बिहार के मधेपुरा में नवजात बच्ची की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है. आरोप है कि गांव की आशा कार्यकर्ता जो एक निजी अस्पताल (क्लीनिक) में दाई का भी काम करती है, उस पर 50 हजार रुपये में नवजात बच्ची के सौदा का आरोप लगा है. घटना उदाकिशुनगंज अनुमंडल के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के कुस्थान की है. मिली जानकारी के मुताबिक पूनम देवी और उसके मजदूर पति शादी के 20 वर्षों के बाद भी संतान प्राप्ति के सुख से वंचित थे. उन्हें पता चला था कि गांव की आशा निर्मला देवी रुपये लेकर निसंतान लोगों को बच्चा देती है. यह जान कर उन्होंने निर्मला से संपर्क किया तो 50 हजार रुपये में एक बच्ची देने का सौदा हुआ.
मगर आर्थिक रूप से कमजोर यह दंपति बच्ची के लिए दाई निर्मला देवी को मुश्किल से जुटाए गए 30 हजार रुपये ही दे सका. शेष 20 हजार रुपये को लेकर हुए विवाद में बच्चा बेचने के इस गोरखधंधे का खुलासा हो गया.
बता दें कि पूर्व में भी उदाकिशुनगंज अनुमंडल क्षेत्र में नवजात बच्चों की खरीद-बिक्री के कई मामले सामने आते रहे हैं. निजी क्लिनिक की आड़ में नवजात के खरीद-फरोख्त का गोरखधंधा चलता है. ताजा मामले में आरोपी दाई निर्मला देवी जिस निजी क्लिनिक पर काम करती है वहां के चिकित्सक डॉ. विनोद कुमार ने ऐसे किसी मामले से खुद को अंजान बताया है. जब उनसे निर्मला को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो पिछले कुछ दिनों से नहीं आ रही है.
स्थानीय लोगों की मानें तो ग्रामीण इलाकों में ऐसे कई निजी क्लिनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं जहां अक्सर बिन ब्याही युवतियों और लड़कियों का प्रसव कराया जाता है. लोक-लाज के भय से माताओं के द्वारा नवजात बच्चों को छोड़ दिया जाता है. इन्हीं नवजात बच्चों का बाद में दलालों के जरिये सौदा किया जाता है.
Source : News18