कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह कई वरिष्ठ नेताओं के साथ ‘भारत जोड़ो‘ यात्रा की विधिवत शुरुआत की. पार्टी इस यात्रा को व्यापक जनसंपर्क अभियान बता रही है और पार्टी नेताओं का मानना है कि इससे संगठन को संजीवनी मिलेगी. राहुल गांधी ने यहां ‘विवेकानंद पॉलिटेक्निक’ से 118 अन्य ‘भारत यात्रियों ‘ और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की शुरुआत की.
पार्टी ने राहुल समेत 119 नेताओं को ‘भारत यात्री’ नाम दिया है जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे. ये लोग कुल 3570 किलोमीटर को दूरी तय करेंगे. कांग्रेसने बुधवार को कन्याकुमारी से अपनी भारत जोड़ो यात्रा की औपचारिक शुरुआत की थी और इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लिखित संदेश के माध्यम से कहा था कि यह यात्रा भारतीय राजनीति के लिए परिवर्तनकारी क्षण है और यह कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी.
भरात जोड़ो यात्रा में शामिल कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘यह भारत जोड़ो यात्रा बीजेपी की बांटने वाली राजनीति के खिलाफ है.आर्थिक असमानताओं के की वजह से भारत के सामने आने वाले संकट के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए है.’ उन्होंने कहा कि इस यात्रा से पार्टी का संगठन और मजबूत होगा और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बल मिलेगा. हम सभी को ज्यादा से ज्यादा सक्सेस बनाने में जुटे हैं.
तिरंगे पर हो रहा हमला: राहुल गांधी
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि मौजूदा समय में तिरंगे पर हमला किया जा रहा है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल हुए. यहीं पर तीन दशक पहले एक आत्मघाती हमला करके राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी.
30 सितंबर को पहुंचेगी कर्नाटक
पिता के स्मारक पर आयोजित प्रार्थना सभा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने उन्हें राष्ट्र ध्वज सौंपा था. यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर स्टैच्यू और कामराज मेमोरियल भी गए थे. पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी, और उसके बाद उत्तर की तरफ अन्य राज्यों में जाएगी.