बिहार में मोकामा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को भारी मतों से जीत मिली है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की प्रत्याशी नीलम देवी ने बीजेपी (BJP) उम्मीदवार को 16,420 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया है. जबकि गोपालगंज सीट पर बीजेपी ने बढ़त बना ली है.
मोकामा में आरजेडी उम्मीदवार की जीत
चुनाव आयोग के अनुसार, मोकामा उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवार नीलम देवी को 79,178 वोट मिले और बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी ने 62,758 वोट हासिल किए. बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए रविवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 8 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई थी. एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि गोपालगंज में 3.31 लाख और मोकामा में 2.70 लाख वोटर हैं. इस उपचुनाव में 52.3 फीसदी मतदाताओं ने 3 नवंबर को अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उपचुनाव के लिए मोकामा और गोपालगंज में कुल 619 पोलिंग बूथ बनाए गए थे.
बिहार में सरकार बदलने के बाद पहला चुनाव
बता दें कि बिहार उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 9 गोपालगंज और 6 मोकामा से थे. गौरतलब है कि इस साल अगस्त में सरकार बदलने के बाद बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच यह पहला चुनावी मुकाबला है, जब सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू नई सरकार बनाने के लिए बीजेपी खेमे से नाता तोड़कर आरजेडी के नेतृत्व वाले गठबंधन से जा मिली. महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू शामिल हैं.
इस कारण से मोकामा में हुआ उपचुनाव
बता दें कि मोकामा सीट आरजेडी विधायक अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण विधायक के रूप में उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के बाद खाली हुई थी, जबकि गोपालगंज में उपचुनाव बीजेपी विधायक सुभाष सिंह की मौत के बाद जरूरी हो गया था. गोपालगंज में बीजेपी से दिवंगत विधायक सिंह की पत्नी कुसुम देवी, आरजेडी के मोहन गुप्ता के खिलाफ मैदान में थीं, जबकि मोकामा में बीजेपी प्रत्याशी सोनम देवी का मुकाबला आरजेडी के अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी से था.
गौरतलब है कि मोकामा 2005 से अनंत सिंह का गढ़ रहा है. उन्होंने जेडीयू के टिकट पर दो बार इस सीट से जीत दर्ज की थी. अनंत सिंह ने 2020 के चुनावों में आरजेडी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और सीट बरकरार रखी थी. लेकिन आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.