छपरा. भाइयों के बीच संपत्ति की लड़ाई अब तक अमूमन कोर्ट-कचहरी में हम सब सुनते आ रहे हैं, लेकिन यहां एक कदम आगे यह लड़ाई पहुंच गई. संपत्ति विवाद में दो भाइयों ने श्मशान घाट पर अपनी मां के शव को अलग-अलग मुखाग्नि दी. बताया जा रहा है कि संपत्ति विवाद का यह मामला फिलहाल कोर्ट में है. जानकारी के अनुसार 105 वर्षीय वृद्ध माता गीता देवी की मृत्यु हो गई. शव को अंतिम संस्कार के लिए उन्हें रिविलगंज के सिमरिया घाट पर ले जाया गया. जहां उनके घर परिवार के अन्य सदस्य व नजदीकी रिश्तेदार भी थे. स्वर्गीय इंद्र देव राय की पत्नी गीता देवी के बड़े पुत्र सिंगेश्वर राय मां को मुखाग्नि देने पहुंचे. तब तक उन का छोटा भाई दिनेश्वर राय भी उतरी पहनकर मां को मुखाग्नि देने के लिए तैयार हो गया. जिसके बाद घाट पर दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गई.
ऐसा माना जाता है कि परंपरा अनुसार पिता को मुखाग्नि बड़ा बेटा तथा मां को छोटा बेटा देता है. स्व. इंद्र देव राय की पत्नी गीता देवी अपने बड़े बेटे सिंगेश्वर राय के साथ उसके घर पर रहती थीं. उसके पति पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे, उनको पेंशन मिलती थी. उसको लेकर भी दोनों भाइयों में यदा कदा विवाद चलता रहा है. मां की मृत्यु के बाद छोटे भाई को लगा कि सारी संपत्ति बड़ा भाई हड़प लेगा, इसलिए उसको भी मुखाग्नि देनी चाहिए, ताकि उसकी बराबर के हिस्सेदारी का दावेदारी मजबूत बनी रहे. फिर क्या था घाट पर दोनों भाइयों ने एक साथ मां को मुखाग्नि दी.
बता दें कि दोनों भाइयों के पास पुश्तैनी जमीन के नाम पर घर के साथ शहर एवं रिविलगंज में करीब चार बीघा जमीन है. पूर्व में छोटे भाई के द्वारा अपनी मां से बख्शीशनामा लिखवा लिया गया था, लेकिन मां को गांव पर अकेले छोड़े जाने के बाद उनका बड़ा बेटा सिंगेश्वर उन्हें लेकर छपरा शहर स्थित घर पर लाया और अपने साथ रखने लगा. यहां कुछ दिनों बाद मां गीता देवी ने अपने बख्शीशनामा को गलत साबित करते हुए कोर्ट में रिट दायर कर दी. इसमें उनके द्वारा बताया गया कि वह जाली कागजात है. फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है.