सीबीएसई के 10वीं बोर्ड में 40 फीसदी क्षमता (कंपीटेंसी) आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। वहीं 12वीं में क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या 30 फीसदी रहेगी। अभी तक दसवीं और 12वीं में 10 फीसदी ही क्षमता आधारित प्रश्न रहते थे। इस बार से बोर्ड ने क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी है।
बोर्ड ने 2022-23 सत्र का मूल्यांकन पैटर्न जारी कर दिया है। दसवीं और 12वीं में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या 20 फीसदी रहेगी।
बोर्ड की मानें तो क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या इस बार बढ़ाई गयी है। पहले दसवीं और 12वीं बोर्ड में 10 फीसदी प्रश्न क्षमता आधारित होते थे, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ा दी गयी है। अभी तक क्षमता आधारित प्रश्न केवल दीर्घ उत्तरीय ही पूछे जाते थे। अब मल्टीपल च्वाइस, केस स्टडी, लघु उत्तरीय प्रश्न में भी क्षमता आधारित प्रश्न को शामिल किया गया है।
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण के कारण दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा दो पार्ट में टर्म-1 और टर्म-2 ली गयी लेकिन 2023 में फिर एक ही बोर्ड की परीक्षा होगी। इसके लिए बोर्ड ने नौंवी-दसवीं और 11वीं-12वीं का प्रश्न पत्र पैटर्न जारी किया है।
मल्टीपल च्वाइस वाले भी होंगे प्रश्न : बोर्ड द्वारा मल्टीपल च्वाइस वाले प्रश्न को रखा गया है। टर्म-1 परीक्षा में मल्टीपल च्वाइस के प्रश्न पूछे गये थे, जो विषयवार सिलेबस का 50 फीसदी था। अब 20 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्न में ही मल्टीपल च्वाइस के रहेंगे।
नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा इसी पैटर्न पर : बोर्ड ने स्कूलों को नौवीं और 11वीं की वार्षिक परीक्षा भी इसी पैटर्न पर लेने का निर्देश दिया है। इससे छात्र अपना आकलन कर पायेंगे। बोर्ड द्वारा आंतरिक मूल्यांकन में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। आंतरिक मूल्यांकन पहले जैसे ही 20 फीसदी रखा गया है।
किताबी दुनिया से अलग सोचें बच्चे : किताबी दुनिया से बच्चे अलग सोचें, इसके लिए क्षमता आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गयी है।
इसके तहत वास्तविक जीवन से जुड़े प्रश्न बोर्ड परीक्षा में पूछे जाएंगे। इससे छात्रों को वास्तविक जीवन और दिनचर्या की जानकारी होगी। बता दें कि अभी तक किताबी दुनिया से जुड़े प्रश्न ही परीक्षा के दौरान छात्रों से पूछे जाते थे। इसे देखते हुए लंबे विचार के बाद सीबीएसई बोर्ड ने प्रश्न पत्र के पैटर्न में यह बदलाव लाने का निर्णय लिया है।