पटना. बिहार में पूर्ण शराबबंदी है जिसके कारण शराबबंदी कानून के तहत तेजी से मुकदमे बढ़ रहे हैं. बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत हो रहे मुकदमे की सुनवाई के लिए अलग से 33 कोर्ट का गठन किया है. राज्य में पहले से ही 38 जिलों में शराबबंदी कानून के तहत हुए मुकदमे की सुनवाई के लिए कोर्ट की व्यवस्था थी. नई व्यवस्था में 33 जिले में नए स्पेशल कोर्ट बनाए गए हैं, जिसमें सरकारी वकील सहित जज की भी व्यवस्था कर दी गई है. कुल 71 कोर्ट के हो जाने से बिहार में शराबबन्दी के सुनवाई के मामले में काफी तेजी आएगी और कोर्ट में जो भी मामले लंबित है उनका निपटारा जल्द हो पायेगा.
शराब मामलों के ट्रायल के लिए विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि, बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के साथ-साथ बिहार विधान मंडल का यह निर्णय हुआ था कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया जाए और इसे लागू किया गया है. इस कानून को लेकर जो भी मुकदमे हो रहे हैं, उसकी सुनवाई भी जल्दी से हो इसको लेकर हमने स्पेशल कोर्ट का गठन किया है. अब पूरे बिहार में 71 स्पेशल कोर्ट हो गए हैं, जहां पर शराबबंदी कानून के तहत जो मुकदमे होंगे उसकी सुनवाई होगी.
मंत्री ने कहा कि स्पीडी ट्रायल करके ऐसे मामलों को निपटाया जाएगा. मंत्री ने यह भी कहा कि शराबबंदी कानून के तहत केस का जो रफ्तार था वो बढ़ता चला गया. 33 जिला में केस ज्यादा आ रहे थे, तो वहां हमने कोर्ट का गठन किया. दोषियों पर स्पीडी ट्रायल किया जा रहा है. लगातार लोग पकड़े जा रहे हैं. त्वरित कार्रवाई के लिए 38 कोर्ट बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए कुल 71 कोर्ट हैं. जितने भी बड़े लोग हो या जो भी मुजरिम होंगे, सभी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी. कोई भी दोषी बचेगा नहीं.