बिहार में शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने घोषणा की है कि राज्य में जल्द ही 5500 लाइब्रेरियन (पुस्तकालयाध्यक्ष) की बहाली की जाएगी. इसके साथ ही दिव्यांगजनों के लिए 7500 पदों पर भी नियुक्ति जल्द पूरी की जाएगी. शिक्षा मंत्री का यह ऐलान युवाओं और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग का बजट बढ़कर अब 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. सरकार का लक्ष्य बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा को रिसर्च, गुणवत्ता और स्किल डेवलपमेंट से जोड़ा जाएगा. सात निश्चय 3.0 के तहत शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जाएंगे और हर प्रखंड में मॉडल स्कूल खोले जाएंगे. साथ ही पुराने विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्ष 2005 में बिहार में शिक्षकों की संख्या करीब डेढ़ लाख थी, जो अब बढ़कर 6 लाख से अधिक हो चुकी है। राज्य के करीब 78 हजार स्कूलों को कक्षा 1 से 12 तक अपग्रेड किया जाएगा. इसके अलावा TRE-4 के तहत नई शिक्षक बहाली भी जल्द की जाएगी. इसकी अधिसूचना 15 से 20 जनवरी के बीच BPSC को भेजी जाएगी. वहीं अनुकंपा के आधार पर अब तक 5 हजार नियुक्तियां की जा चुकी
स्कूलों को तकनीक से लैस करने के लिए 2500 करोड़ होंगे खर्च
मिड-डे मील योजना के तहत रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाई गई है, जहां बच्चों को भोजन, आवास, किताबें और निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा दी जा रही है. शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नियमित प्रशिक्षण जारी है और हर शिक्षक को साल में एक-दो बार DIET ट्रेनिंग अनिवार्य रूप से लेने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूलों को तकनीक से लैस करने के लिए 2500 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
AI और रोबोटिक्स की पढ़ाई के लिए दी जा रही किताबें
छात्रों को समय पर किताबें उपलब्ध कराने की जवाबदेही तय की गई है और अप्रैल में ही डेढ़ करोड़ छात्रों तक पुस्तकें पहुंचाई गई हैं. उच्च शिक्षा में AI और रोबोटिक्स की पढ़ाई के लिए नई किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं. छठी-सातवीं कक्षा से छात्रों को टैब और कंप्यूटर देने की तैयारी है. शिक्षा मंत्री ने यह भी साफ किया कि स्कूलों में शिक्षकों द्वारा रील बनाने या गलत व्यवहार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिन प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं हैं, वहां नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे. कुल मिलाकर सरकार का फोकस शिक्षा के बुनियादी ढांचे, गुणवत्ता और रोजगार सृजन पर है, जिसमें लाइब्रेरियन और दिव्यांग बहाली अहम कड़ी मानी जा रही है.

