सीतामढ़ी में बिजली बिल बकाया को लेकर दोहरे मापदंड का मामला सामने आया है। यहां 59 सरकारी कार्यालयों पर कुल 19 करोड़ 02 लाख 14 हजार 994 रुपए का बिजली बिल बकाया है। इन विभागों के खिलाफ अब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि आम उपभोक्ताओं पर बकाया होने पर कनेक्शन काटने और प्राथमिकी दर्ज करने जैसी कार्रवाई की जाती है।
बकायेदार विभागों में नल-जल योजना (पंचायती राज) की देनदारी सर्वाधिक 6.77 करोड़ रुपए है। इसके अतिरिक्त, पंचायती राज विभाग पर 5.58 करोड़, शहरी विकास विभाग पर 1.63 करोड़, लघु सिंचाई विभाग पर 1.03 करोड़, डीडीसी कार्यालय पर 79.32 लाख, पीएचईडी पर 78.26 लाख, प्राथमिक शिक्षा विभाग पर 33.59 लाख, माध्यमिक शिक्षा विभाग पर 4.92 लाख और पुलिस विभाग पर 16.01 लाख रुपए का बिजली बिल लंबित है।
सरकारी विभागों के लिए अलग नियम
स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आम जनता पर कुछ हजार रुपए का बकाया होने पर तुरंत कनेक्शन काट दिया जाता है और राजस्व वसूली के लिए प्राथमिकी भी दर्ज की जाती है। वहीं, करोड़ों रुपए के सरकारी बकाये पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी विभागों के लिए अलग नियम हैं।
संबंधित विभागों को भुगतान के दिए निर्देश
इस मामले पर कार्यपालक अभियंता विद्युत समीर कुमार रजक ने बताया कि सामान्य उपभोक्ता और सरकारी विभाग, दोनों पर बिजली बिल का बकाया है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को भुगतान के निर्देश दिए हैं। रजक ने स्पष्ट किया कि यदि समय पर भुगतान नहीं हुआ तो कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी।

