पटना: कोसी और मिथिलांचल के बीच कनेक्टिविटी दिनोंदिन बेहतर हो रही है। सड़क मार्ग के बाद अब सीधी रेल सेवा भी बहाल हो रही है। 86 साल बाद दरभंगा और सहरसा के बीच सीधी रेल सेवा की शुरुआत हो रही है। अगले महीने इन दोंनों जिलों के बीच सीधी रेल लाइन पर ट्रेनें चलने लगेंगी।
बता दें 1936 से पहले सहरसा से सरायगढ़ भपटिया होते हुए मिथिलांचल का सीधा रेल संपर्क था। 1936 में आई बाढ़ में दोनों जिलों का रेल संपर्क भंग हो गया। शुक्रवार को इन दिनों जिलों को रेल से जोड़ने के लिए निर्मली से तमुरिया स्टेशन के बीच 19 किलोमीटर आमान परिवर्तन का काम किया गया।
इसका निरीक्षण पूरा हो चुका है। सीआरएस जांच के लिए आए रेलवे के मुख्य संरक्षा पदाधिकारी शैलेश कुमार पाठक के मुताबिक ट्रैक ध्वस्त था। इसे दुरुस्त किया गया है। निरीक्षण में इसे 100 में से 95 अंक मिले हैं। अब इस रूट पर ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। पदाधिकारी ने कहा कि कुछ छोटी कमियां हैं, जिन्हें जल्द दूर कर ली जाएंगी। हालांकि रेलवे बोर्ड कल से भी ट्रेनें परिचालित कर सकता है। अब सीआरएस से मंजूरी मिलने के बाद इस रूट पर ट्रेनें चलने लगेंगी। उम्मीद है कि मार्च के पहले हफ्ते में ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।
दरभंगा से झंझारपुर तक पहले ही हो चुका है निरीक्षण
दरभंगा से झंझारपुर तक पहले ही निरीक्षण हो चुका है। इसके बाद झंझारपुर से निर्मली तक सीआरएस का काम पूरा किया गया। फिर दरभंगा से ट्रेन का परिचालन निर्मली तक किया गया। अंतिम फेज में निर्मली और तमुरिया रेलवे स्टेशन के बीच बचे 19 किलोमीटर क्षेत्र में तीन दिन पहले सीआरएस का निरीक्षण भी हो गया।
गौरतलब है कि पहले फेज में सहरसा से सुपौल के बीच सीआरएस निरीक्षण हुआ था। इसके कुछ दिन बाद सहरसा-सुपौल के बीच ट्रेन परिचालित होने लगी थी। दूसरे फेज में सुपौल से आसनपुर कुपहा के बीच सीआरएस निरीक्षण किया गया था। वह भी सफल रहा था, जिसके बाद सुपौल से आसनपुर कुपहा तक ट्रेनें चल रहीं हैं। तीसरे फेज में आसनपुर कुपहा से निर्मली तक सीआरएस निरीक्षण हुआ था। वह भी काफी सफल रहा था। दोनों जिलों के लोगों का कहना है कि इससे उनका व्यापार बढ़ेगा।