गाजियाबाद शहर कोतवाली पुलिस ने यूपी चुनाव को प्रभावित करने की साजिश का बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. आरोपी अब तक करीब 30 हजार फर्जी आधार कार्ड बना चुके हैं. पुलिस ने उनके कब्जे से 30 लैपटॉप और 137 आधार कार्ड भी बरामद किए हैं. पुलिस के अनुसार इनके निशाने पर भारत में रहने वाले नेपाली और बांग्लादेशी लोग रहते थे. उन लोगों के आधार कार्ड यह गैंग 7000 से 10 हजार रुपए लेकर बनाता था. पुलिस की मानें तो उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनावों को प्रभावित करने के लिए यह बड़ी साजिश मानी जा रही है.
इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए क्षेत्राधिकारी प्रथम स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि मुखबिर के माध्यम से पुलिस को सूचना प्राप्त हुई थी कि मालीवाडा चौक के पास एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो फर्जी आधार कार्ड बनाता है. सूचना के आधार पर तत्काल प्रभाव से सर्विलांस टीम और पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत छापेमारी की गई तो मौके पर 6 पुरुष और 2 महिलाएं पाए गए जो लैपटॉप पर काम कर रहे थे. इन सभी को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए बताया कि वे लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड और राशन कार्ड का फर्जीवाड़ा कर रहे थे. अभी तक इनका गैंग करीब 30,000 आधार कार्ड बना चुका है.
अभियुक्तों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इनके गैंग के सदस्य असम से सुपरवाइजर का ऑपरेटर बनकर आया था. उसने आसुजा कंपनी से अटैच कर एक कंपनी नोएडा में रजिस्टर्ड कराया था. यहां काम कर रहे लोग अपनी खुद की असम की आईडी बनाकर गाजियाबाद में काम कर रहे थे. पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने यह भी बताया कि वे अलग-अलग ठिकाने पर आधार कार्ड बनाते थे ताकि पुलिस इन्हें टारगेट ना कर पाए.
क्षेत्राधिकारी स्वतंत्र सिंह ने बताया कि ये लोग सबसे ज्यादा उन लोगों को अपना निशाना बनाते थे जो लोग बाहर के होते हैं और झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं जिनके पास कोई आईडी नहीं होती थी. उनसे 7000 से लेकर 10000 रुपए तक वसूल करते थे. उन्होंने बताया कि इनके कब्जे से पुलिस ने 137 आधार कार्ड और 30 लैपटॉप बरामद किया है.