वर्ष 2023 को विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर मोटे अनाज उत्पादन और खपत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है।
अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 के अवसर पर 24 जनवरी 2023 (मंगलवार) को भागेश्वरी बैजनाथ सरस्वती विद्या मंदिर ,लक्ष्मी नगर सीतामढ़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
इस संबंध में क्षेत्रीय प्रसार पदाधिकारी, केंद्रीय संचार ब्यूरो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार श्री जावेद अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मोटे अनाज के उत्पादन और खपत के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में सूचना प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज दिवस-2023 को जन आंदोलन बनाने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता कार्यक्रम पूरे भारत में आयोजित किया जा रहा है। इस क्रम में सीतामढ़ी में क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम किया जा रहा है ताकि लोगों को मोटे अनाज के उत्पादन और खपत को लेकर जागरूक किया जा सके।
मोटे अनाजों का महत्त्व
- दानों के आकार के आधार पर मोटे अनाजों को दो भागों में बाँटा गया है। पहला मोटा अनाज जिनमें ज्वार और बाजरा आते हैं। दूसरा, लघु अनाज जिनमें बहुत छोटे दाने वाले मोटे अनाज जैसे रागी, कंगनी, कोदो, चीना, सांवा और कुटकी आदि आते हैं।
- मोटे अनाजों की खेती करने के अनेक लाभ हैं जैसे सूखा सहन करने की क्षमता, फसल पकने की कम अवधि, उर्वरकों, खादों की न्यूनतम मांग के कारण कम लागत, कीटों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता।
- कम पानी और बंजर भूमि तथा विपरीत मौसम में भी ये अनाज उगाए जा सकते हैं। सल्हार, कांग, ज्वार, मक्का, मडिया, कुटकी, सांवा, कोदो आदि में अगर प्रोटीन, वसा, खनिज तत्त्व, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, ऊर्जा कैलोरी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, फोलिक ऐसिड, जिंक तथा एमिनो एसिड की तुलना गेहूँ, चावल जैसे अनाजों के साथ की जाए तो किसी भी प्रकार से इन्हें कम नहीं आँका जा सकता।
- भारत के राजपत्र 13 अप्रैल, 2018 के अनुसार, मिलेट (ज्वार, बाजरा, रागी आदि) में देश की पोषण संबंधी सुरक्षा में योगदान देने की बहुत अधिक क्षमता है।
- इस प्रकार मोटे अनाजों में न केवल पोषक तत्त्वों का भंडार है बल्कि ये जलवायु लचीलेपन वाली फसलें भी हैं और इनमें अद्भुत पोषण संबंधी विशेषताएँ भी हैं।