सीतामढ़ी: जिले में पैसा दोगुना करने के नाम पर चल रही ठगी के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद, पुलिस ने एक संगठित गिरोह को पकड़ने में सफलता हासिल की है. गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मेजरगंज-रीगा मुख्य मार्ग के पास स्थित सोनौल पावर सबस्टेशन के समीप से स्कॉर्पियो सवार दो युवकों को गिरफ्तार किया, जबकि दो अन्य लोग भागने में सफल रहे.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान कुआरी मदन गांव निवासी सुमन कुमार और रोहित कुमार के रूप में हुई है. सुमन की जेब से 1 लाख नेपाली रुपए बरामद हुए, जबकि रोहित के पास से एक लोडेड देसी पिस्तौल और 8 एमएम का कारतूस मिला.
नेपाली महिला और ठगी का शिकार व्यक्ति भी गिरफ्तार
दोनों आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने नगर थाना के जानकी स्थान रीगा रोड स्थित आदित्य पैलेस होटल से एक नेपाली महिला को भी गिरफ्तार किया. महिला की पहचान काठमांडू के सांतुगल थाना क्षेत्र निवासी प्रताप दहल नैकप की पत्नी नीला नुपाने के रूप में हुई है. इसके साथ ही ठगी का शिकार नेपाल के तमांग जिले के निवासी विक्रम थिंक को भी होटल से बरामद किया गया, जिससे 1 लाख रुपए की ठगी की गई थी.
गिरफ्तारी के बाद प्राथमिकी दर्ज
शनिवार को पुलिस ने पुअनि साकेंद्र कुमार के आवेदन पर स्थानीय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की. इसमें फरार आरोपियों, मो. सत्तार, मो. असलम, सुमन कुमार, रोहित कुमार और नेपाली महिला नीला नुपाने को नामजद किया गया है
पुलिस की गुप्त सूचना और छापेमारी
पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ आरोपित नेपाली नागरिकों को नोट डबलिंग के नाम पर ठग रहे हैं. इन आरोपियों में से दो स्कॉर्पियो में नेपाली नागरिकों के साथ सीतामढ़ी की ओर जा रहे थे. पावर हाउस के पास चेकिंग के दौरान वाहन रोकने पर दो आरोपी फरार हो गए, जबकि चालक और दो अन्य को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में चालक निर्दोष पाया गया, जो भाड़े पर गाड़ी चला रहा था.
ठगी के पीछे की कहानी
गिरफ्तार नेपाली महिला ने खुलासा किया कि मो. सत्तार ने पहले उससे 6 लाख रुपए ठगे थे और वह अपने पैसे वापस लेने के लिए गिरोह में शामिल हो गई, महिला ने ठगी के शिकार विक्रम थिंक को दो लाख रुपए देने का वादा कर उसे साथ लाया था. योजना के तहत गिरोह के सदस्य नकली पुलिस बनकर विक्रम से पैसे छीनने वाले थे.
गिरोह के सरगना और पुलिस की कार्रवाई
डीएसपी सदर रामकृष्ण ने बताया कि मो. सत्तार और मो. असलम पहले भी कई बार ठगी के मामलों में जेल जा चुके हैं. इस गिरोह का सरगना यही दोनों हैं, जो नेपाल के नागरिकों को पैसे दोगुना करने का झांसा देकर ठगते हैं. एक बार ठगी का शिकार बनने के बाद, पीड़ित व्यक्ति को इस गिरोह में शामिल कर लिया जाता है और उसे नए शिकार लाने का काम सौंपा जाता है. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, जबकि गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.