सीतामढ़ी जिले के डुमरा और मेजरगंज प्रखंड के लोगों को अब इलाज के लिए जिला अस्पताल या निजी क्लिनिक की ओर नहीं दौड़ना पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए दोनों प्रखंडों में 30-30 बेड वाले अत्याधुनिक सीएचसी का निर्माण किया जाएगा। इन दोनों अस्पतालों के निर्माण पर कुल 11.5 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी, सर्जरी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल जांच, दवा वितरण सहित सभी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। विभाग का कहना है कि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। । इसके साथ ही आपातकालीन स्थितियों में भी त्वरित इलाज संभव होगा, जो अब तक संभव नहीं था।
सीतामढ़ी जिले में पहली बार दो अलग-अलग प्रखंडों में एक साथ इतने बड़े पैमाने पर आधुनिक अस्पताल निर्माण की योजना लाई गई है। यह न केवल जिले की स्वास्थ्य सेवा में आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि इससे प्रदेश के अन्य सीमावर्ती जिलों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत होगा। इन दोनों अस्पतालों के निर्माण के लिए आवश्यक राशि राज्य स्वास्थ्य समिति को 15वीं वित्त आयोग योजना के तहत आवंटित की गई है। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले बीएमएसआईसीएल विस्तृत डिज़ाइन, नक्शा (ड्राइंग) और लागत अनुमान (प्राक्कलन) तैयार करेगा और तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी तकनीकी मानकों और सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा। यह अस्पताल भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जाएंगे, ताकि लंबे समय तक टिकाऊ और उपयोगी बने रहें।
भारत-नेपाल सीमा पर बसे मेजरगंज प्रखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनने से करीब डेढ़ लाख की आबादी को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। वर्तमान में इस क्षेत्र के लोगों को मामूली बीमारियों के लिए भी 25 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल का रुख करना पड़ता है। वहीं, जिला मुख्यालय स्थित डुमरा प्रखंड में अस्पताल बनने से तीन लाख से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी। यहां के लोग भीड़-भाड़ वाले सदर अस्पताल से बचते हुए स्थानीय स्तर पर बेहतर इलाज पा सकेंगे। इससे न सिर्फ सदर अस्पताल पर मरीजों का दबाव कम होगा, बल्कि समय और पैसों की भी बचत होगी।
^इन अस्पतालों के निर्माण से आम लोगों को एक ही छत के नीचे ओपीडी, इमरजेंसी, सर्जरी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी जांच और दवा वितरण जैसी सभी सेवाएं मिलेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अब सामान्य बीमारियों या आपात स्थितियों के लिए जिला अस्पताल तक नहीं जाना पड़ेगा। – डॉ. अखिलेश कुमार, सिविल सर्जन, सीतामढ़ी।
बीएमएसआईसीएल पर निर्माण की जिम्मेदारी विभाग ने स्पष्ट किया है कि बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दोनों अस्पतालों का निर्माण कार्य किया जाएगा। अस्पतालों के डिज़ाइन और सुविधाएं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार होंगी। महिला-पुरुष के लिए पृथक वार्ड, आधुनिक ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन सेवा आदि होंगी।
