केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 की बोर्ड परीक्षाओं से कई बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है, जो आने वाले समय में छात्रों के पढ़ाई के तरीके और परीक्षा की तैयारी दोनों को बदल देंगे. अब APAAR ID हर छात्र के लिए जरूरी होगी.
CBSE ने साफ कर दिया है कि 2026 की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले हर छात्र के पास APAAR ID होनी चाहिए. यह एक यूनिक डिजिटल आईडी है जिसमें छात्र के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड- जैसे मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज सेव रहेंगे. यह आईडी जीवनभर के लिए मान्य होगी और इससे फर्जीवाड़ा या डुप्लीकेट रिकॉर्ड की समस्या खत्म हो जाएगी.
अब स्कूलों को 9वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों की APAAR ID बनवानी होगी ताकि परीक्षा से पहले सारी औपचारिकताएं पूरी हो सकें. अगर आप 9वीं या उससे ऊपर की कक्षा में हैं, तो अपनी ID जल्द से जल्द बनवा लें.
परीक्षा और रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी
CBSE ने 2025-26 सत्र से फीस में लगभग 6.66% की बढ़ोतरी कर दी है. बोर्ड का कहना है कि 2020 से फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया था, लेकिन इस बीच परीक्षा आयोजन, स्टाफ और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च कई गुना बढ़ गया है.
भारत में क्लास 10 और 12 के लिए एक विषय की फीस 320 रुपये, पांच विषयों के लिए 1600 रुपये होगी. 12वीं के लिए प्रैक्टिकल फीस 160 रुपये और कक्षा 9 व 11 के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 320 रुपये होगी. नेपाल में एक विषय की फीस 1100 रुपये, पांच विषयों के लिए 5500 रुपये, प्रैक्टिकल 175 रुपये और रजिस्ट्रेशन फीस 550 या 660 रुपये होगी.
जबकि अन्य देशों में एक विषय की फीस 2200 रुपये, पांच विषयों के लिए 11,000 रुपये, प्रैक्टिकल 375 रुपये और रजिस्ट्रेशन फीस 550 या 660 रुपये होगी. पहले माइग्रेशन सर्टिफिकेट से भी बोर्ड को आय होती थी, लेकिन अब यह जरूरी नहीं है, इसलिए फीस ही मुख्य आय का जरिया बन गई है.
बदलावों का छात्रों पर असर
इन बदलावों के बाद छात्रों के सामने नए अवसर और चुनौतियां दोनों होंगी. APAAR ID से आपका एजुकेशनल रिकॉर्ड हमेशा सेव रहेगा. फीस बढ़ोतरी का मतलब है कि परिवारों को परीक्षा के बजट की योजना पहले से बनानी होगी. AI सेंटर तकनीकी शिक्षा का नया दरवाजा खोलेगा, खासकर उनके लिए जो नई-नई चीजें सीखना चाहते हैं.
