बारिश के मौसम में बिहार के अलग अलग हिस्सों से पुल गिरने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.लेकिन इस बार मामला किसी पुल के गिरने का नहीं बल्कि एक ऐसे पुल का है जिसके निर्माण पर ही सवाल उठने लगा है. दरअसल अररिया जिले में बनाया गया एक पुल आम जनता के बिल्कुल काम नहीं आ रहा है. जिले के रानीगंज प्रखंड के परमानंदपुर गांव में बीच खेत में ही लाखों रुपये की राशि से पुल का निर्माण कर दिया गया है. वहीं इस पुल के लिए न सड़क और ना हीं एप्रोच पथ बनाया गया है, बीच खेत में बनाया गया ये पुल अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
बीच खेत में बनाया गया यह पुल किस योजना से बनी है इसका बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा पुल निर्माण की बात सामने आ रही है. अब ग्रामीण इस बात से हैरान और परेशान हैं कि पुल तक जाने के लिए दोनों तरफ जब सड़क हीं नहीं है तो भला ऐसे पुल का क्या करें..? स्थानीय ग्रामीण सरकार के इस अनोखे पुल को देख माथा पीट रहे हैं.
इतना ही नहीं पुल के दोनों ओर सड़क बनेगी या नहीं इस बात को लेकर भी गांव के लोगों के बीत संशय की स्थिति है. वहीं पुल को लेकर गांव वालों का कहना है कि खेत के बीचो बीच ये पुल करीह 6 माह से बना हुआ है. इन सबके बीच दिलचस्प बात ये है कि इस पुल को किस उद्देश्य से बनाया गया है इसके बारे में भी यहां जिक्र नहीं किया गया है. इलाके लोगों का कहना है कि पुल से उनका रास्ता ही बाधित हो गया है. बता दें कि बीते 18 जून को अररिया के पड़रिया घाट पर बना पुल ध्वस्त हो गया था जिसके बाद पुल निर्माण पर बड़े सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे.