बिहार के मुजफ्फरपुर में शहरी क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है. बिजली बिल पर ढाई फिसदी निगम के अतिरिक्त टैक्स राशि का जो बोझ पड़ने वाला था, वह फिलहाल टल गया. नगर आयुक्त के आग्रह को विद्युत विनियामक आयोग ने यह कहकर खारिज कर दिया है कि यह मामला नगर विकास विभाग व वित्त विभाग के बीच विचाराधाीन है. जब तक दोनों विभाग संयुक्त रूप से इस पर निर्णय नहीं लेंगे. इसे लागू करना उचित नहीं है. इस निर्णय से नगर निगम को सालाना पांच करोड़ रुपये के वसूली को झटका लगा है. वहीं, एक अप्रैल से बिजली बिल के साथ ढाई फीसदी अतिरिक्त टैक्स की राशि जो देना था, इससे भी लोगों को राहत मिल गयी है.
23 सितंबर को नगर आयुक्त द्वारा विनियामक आयोग को पत्र लिख मांग की गयी थी, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया है. नगर आयुक्त ने कहा था कि नगर विकास विभाग ने बिजली उपभोक्ताओं से ढाई फीसदी अतिरिक्त कर वसूलने की अधिसूचना जारी की है. बार-बार स्मार-पत्र देने के बावजूद बिजली विभाग उपभोक्ताओं से न तो टैक्स की वसूली कर रहा है और न ही राशि निगम को दे रहा है. नगर आयुक्त ने आयोग से आग्रह किया था कि वे इस संबंध में आदेश जारी करें.
वित्त विभाग प्रस्ताव को कर चुका है वापस
विद्युत विनियामक आयोग के सचिव रामेश्वर दास ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं से टैक्स वसूली की अधिसूचना नगर विकास विभाग की है. इस मामले में नगर विकास विभाग व वित विभाग को निर्णय करना है. उन्होंने कहा कि यदि शहरी उपभोक्ताओं से शेष वसूलना है, तो इस पर नगर विकास विभाग व वित्त पहले आपसी सहमति बनाएं. इस मामले को नगर विकास विभाग को वापस कर दिया गया है. और विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में कदम उठाने की जरूरत है.