पटना. इओयू के स्तर से बीपीएससी पेपर लीक मामले में आठ दिनों की सघन जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है. एसपी सुशील कुमार की अध्यक्षता में गठित 14 सदस्यीय टीम की यह जांच अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन एक अहम मुकाम तक पहुंच गयी है. इस दौरान पिंटू यादव व राजेश कुमार समेत अन्य के गैंग के शातिरों और इनसे प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक सामान की बरामदगी की तफ्तीश में सेटिंग कराने वालों के बारे में काफी जानकारी मिली है. अब तक यह स्पष्ट हो चुका है कि इस गैंग ने 20 लोगों को बीपीएससी पीटी की परीक्षा में पास कराने का ठेका ले रखा था. इन अभ्यर्थियों की विस्तृत जानकारी भी जांच एजेंसी को मिल चुकी है
वीवीआइपी व बिजनेसमैन के बच्चे भी शामिल
सेटिंग कराने वालों में कुछ वीवीआइपी से लेकर बिजनेसमैन तक के बच्चे जुगत में थे. इनसे लाखों रुपये में सौदा तय हुआ था. फिलहाल इनसे हुए तमाम लेन-देन और एडवांस में लिए गये रुपये के बारे में पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी कि सेटिंग के इस खेल में कितने पैसे शामिल हैं. जांच के दौरान बरामद आधा दर्जन पेन ड्राइव से भी कई संदिग्ध जानकारी मिली है. इसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीपीएससी में इस गैंग के माध्यम से करीब एक सौ अभ्यर्थियों को पास कराने की जुगत हो चुकी थी. जांच पूरी होने के बाद ही यह संख्या स्पष्ट होगी. इन पेन ड्राइवों और लैपटॉप में कई जानकारी कोड में भी लिखी हुई है. इसके आधार पर कई अन्य तथ्य भी खुलेंगे.
जीपीएस डिवाइस से इयर फोन तक बरामद
दोनों स्थानों पर छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिले हैं. इनमें 152 जीपीएस डिवाइस, सात से ज्यादा वॉकी-टॉकी, 47 खासतौर से तैयार जीपीएस उपकरण, जिनका उपयोग परीक्षा में चोरी कराने के लिए होता था, स्पाइ कैमरे, पेन कैमरा, ब्यूटूथ इयर फोन समेत अन्य सामान शामिल हैं. इसके अलावा मेटल डिटेक्टर, हीट गन, हीट सील मशीन, ग्लू इलेक्ट्रिक गन समेत अन्य संवेदनशील सामान भी शामिल हैं.
कुछ सेंटरों पर ब्लूटूथ से कुछ में सीधे चोरी कराने की थी व्यवस्था
पटना. बीपीएससी पेपर लीक मामले में इओयू की कई स्तर पर जांच चल रही है. अभी इसमें चोरी के पूरे मॉडस ऑपरेंडी का खुलासा होना है. अब तक की जांच में यह पाया गया कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर ब्लूटूथ से सीधे चोरी कराने की व्यवस्था की गयी थी. वहीं, कुछ केंद्रों पर सीधे चोरी कराने तक की व्यवस्था की गयी थी. इसके लिए चुनिंदा छात्रों को अलग बैठाने की व्यवस्था भी थी. आरा का कुंवर सिंह कॉलेज ऐसा ही एक सेंटर था, जिसमें भी चोरी कराने की समुचित व्यवस्था करके रखी गयी थी. हालांकि बीपीएससी की पीटी की परीक्षा के लिए राज्य के सभी जिलों में एक हजार 83 केंद्रों की व्यवस्था की गयी थी.
जांच में कई स्तर पर चीजें सामने आयी है
इसमें बेहद चुनिंदा केंद्रों करीब आधा दर्जन पर ही चोरी या सेटिंग वाले छात्रों के लिए व्यवस्था की गयी थी. इन केंद्रों पर भी कुछ-कुछ की संख्या में ही सेटिंग वाले ऐसे छात्रों की परीक्षा आयोजित करायी गयी थी. हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही इनके मॉडस ऑपरेंडी और सही संख्या में आरोपितों की स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. फिलहाल अब तक हुई जांच में कई स्तर पर चीजें सामने आयी है, लेकिन जांच पूरी होने के बाद ही सही रूप से पूरी स्थिति स्पष्ट हो पायेगी. बीपीएससी की सेटिंग में कुछ उच्च स्तरीय मिलीभगत की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. इस बात पर भी अभी तफ्तीश चल रही है कि पेपर वायरल कैसे हुआ और इसे किसने किया. लीक करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार कौन-कौन लोग हैं, इसका पता चलने पर ही इससे जुड़े अन्य तथ्य स्पष्ट हो पायेंगे.
अन्य गैंग भी शामिल हैं इस पूरी सेटिंग में
पिंटू यादव व राजेश कुमार के अलावा भी कुछ अन्य गैंग इस पेपर लीक कांड में शामिल हैं. इस मामले की जांच में शुरुआत में ही गिरफ्तार हुए चार अभियुक्त स्टैटिक मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात बड़हरा बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ योगेंद्र प्रसाद सिंह, कंट्रोलर सुशील कुमार सिंह और कॉलेज के सुप्रीटेंडेंट अगम कुमार सहाय से पूछताछ के दौरान इस गैंग के अलावा भी कुछ अन्य गैंग के बारे में जानकारी मिली है. इनकी तलाश चल रही है. इनके ताल्लुक कुछ अन्य गैंग या लोगों से भी हैं