बिहार के जमुई जिले से आई एक खबर ने पुलिस को हैरत में डाल दिया. यहां एक वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के मोबाइल पर कॉल आया. सामने वाले ने कहा कि बिजली ऑफिस से बोल रहा हूं. आपका 2 महीने का बिजली बिल बकाया है. उसे भर दीजिए, लेकिन उन्हें कहां पता था कि उनके साथ क्या होने वाला है. वह कॉल वाले युवक के झांसे में आ गए और कुछ ही देर में बिजली बिल की जगह उनके अकाउंट से 9 लाख 45 हजार रुपए निकाल लिए गए.
जमुई जिले में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर शातिराना तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दिया. इस बार शिकार बने हैं वन विभाग के रिटायर कर्मचारी गोपाल शरण सिंह. ठगों ने खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और उनके खाते से 9 लाख 45 हजार रुपये उड़ा लिए. घटना 31 मई की बताई जा रही है. पीड़ित गोपाल शरण सिंह के अनुसार, उन्हें एक फोन कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को बिजली विभाग का अधिकारी बताया. उसने कहा कि उनका दो महीने का बिजली बिल बकाया है जिसे तुरंत भुगतान करना होगा. अन्यथा बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.
मोबाइल हैंग हो गया
ठग की बातों में आकर बुजुर्ग गोपाल शरण सिंह घबरा गए. इसके बाद साइबर अपराधी ने उन्हें एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा. जैसे ही उन्होंने वह एप्लिकेशन डाउनलोड किया, उनका मोबाइल हैंग हो गया और कुछ ही देर बाद बंद भी हो गया. कुछ दिन बाद जब उन्होंने बैंक जाकर जानकारी ली तो पता चला कि उनके खाते से 9 लाख 45 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं. यह सुनते ही उनके होश उड़ गए.
पेंशन की सारी राशि ठग ने उड़ाई
पीड़ित गोपाल शरण सिंह ने मामले की शिकायत जमुई साइबर थाना में दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि वह वन विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उनके खाते में पेंशन की राशि जमा थी. पीड़ित ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि उनकी उम्र हो चुकी है और इतनी बड़ी राशि की ठगी उनके लिए भारी संकट है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है. साइबर थाना की टीम टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश में जुटी है. बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. खासकर वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी गई है कि किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करें और किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके स्रोत की जानकारी जरूर लें.
