पटना : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रेलवे में नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन लेने के आरोप में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.
CBI ने की छापेमारी
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे प्राथमिकी में बदल दिया गया है. यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा तथा हेमा के अलावा कई उम्मीदवारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 16 स्थानों पर तलाशी ली.
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. भादसं की धारा 120-बी आपराधिक षडयंत्र से जुड़ी है. ऐसा आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के 2008 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरियों के बदले में यादव परिवार को कई संपत्तियां दी गयी, जो प्रमुख स्थानों पर थीं.
NDA ने कसा तंज
यह नया मामला तब दर्ज किया गया है जब हफ्तों पहले यादव को चारा घोटाला मामले में जमानत पर रिहा किया गया. इस मामले में रांची में विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. राष्ट्रीय जनता दल ने सीबीआई पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘तोता है, तोतों का क्या.’ गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान सीबीआई को राजनीतिक आकाओं का ‘तोता’ कहा था.
NDA ने कसा तंज
यह नया मामला तब दर्ज किया गया है जब हफ्तों पहले यादव को चारा घोटाला मामले में जमानत पर रिहा किया गया. इस मामले में रांची में विशेष अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था. राष्ट्रीय जनता दल ने सीबीआई पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘तोता है, तोतों का क्या.’ गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान सीबीआई को राजनीतिक आकाओं का ‘तोता’ कहा था.