बेंगलुरु. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को संकेत दिया कि कर्नाटक में नई सरकार को मुख्यमंत्री पद के दो शीर्ष दावेदारों के तहत एक साझा कार्यकाल मिलेगा. निश्चित रूप से उनका इशारा कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया के साथ ही राज्य कांग्रेस प्रमुख डी. के. शिवकुमार की तरफ था. खड़गे ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘लोगों ने फैसला किया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काफी समय दे चुके हैं और अब वे कर्नाटक की जनता का ध्यान रखेंगे. हम सिद्धारमैया और डी के शिवकुमार के नेतृत्व में सरकार बनाएंगे. अब हमारे साथ ही दोनों नेताओं पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.’
कर्नाटक में पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद को आधे-आधे कार्यकाल के लिए बांटने की कांग्रेस की संभावित रणनीति बेहद खास है. दरअसल, कांग्रेस को छत्तीसगढ़ (भूपेश बघेल बनाम टीएस सिंहदेव) और राजस्थान (अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट) में अपनी ही पार्टी के नेताओं की गुटबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में वह नहीं चाहेगी कि कर्नाटक में भी आने वाले समय में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हो. और इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने दक्षिण भारत राज्य में सिद्धारमैया एवं शिवकुमार के बीच साझा कार्यकाल के संकेत दिए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि जो लोग ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ चाहते थे, उन्हें ‘भाजपा मुक्त दक्षिण भारत’ मिला है. खड़गे ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अहंकारी बयान अब नहीं चलेंगे और लोगों के दुख दर्द को समझना चाहिए. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जो लोग ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाना चाहते थे, उन्होंने हमारे खिलाफ कई बातें कीं, लेकिन आज एक बात सच हो गई है और वह है ‘भाजपा मुक्त दक्षिण भारत’.”
खड़गे ने कांग्रेस नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें पूरी विनम्रता के साथ काम करना चाहिए और जमीन से जुड़े रहना चाहिए. उन्होंने चुनाव में पार्टी की जीत को ‘लोगों की जीत’ करार दिया, न कि किसी एक व्यक्ति की. उन्होंने कहा, ’35 साल बाद हमें ऐतिहासिक जीत मिली है. यह हमें याद रखना चाहिए. हम जीते क्योंकि हम सभी ने मिलकर प्रयास किये, नहीं तो यह संभव नहीं हो पाता.’ उन्होंने कहा कि यह जीत सामूहिक नेतृत्व का नतीजा है. उन्होंने कहा, ‘क्योंकि हमने एक साथ मिलकर काम किया, हम जीत गये। यदि हम बिखर जाते तो हम उसी स्थिति में रहते जैसे पिछली बार (2018) में थे.’
इनपुट एजेंसी से भी)