बिहार में हाल ही में अपने परिवार और पार्टी से निष्कासित तेज प्रताप यादव का अपने छोटे भाई और राजद नेता तेजस्वी यादव से मनमुटाव शनिवार को खुलकर सामने आ गया. शनिवार को जहानाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने परिवार विरोधी एक तीखी टिप्पणी की. कार्यक्रम के दौरान, जब भीड़ में से किसी ने “अबकी बार तेजस्वी सरकार” का नारा लगाया, तो तेज प्रताप ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
उन्होंने कहा कि यहां बकवास नहीं करें. सरकार जनता द्वारा बनायी जाती है. किसी व्यक्ति विशेष से सरकार नहीं बनती है. किसी को भी इसे लेकर अहंकार नहीं होना चाहिए. ‘जो भी घमंड में रहेगा, वो जल्दी ही गिरेगा’.
उन्होंने आगे कहा, “उन लोगों के बहकावे में न आएं जो ‘टीम तेज प्रताप यादव’ को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. किसी ने मुझे तोड़ने की कोशिश की, लेकिन भगवान ने मुझे एक और मौका दिया, जो अपने ही लोगों के प्रति वफादार नहीं हो सकता, वह नागरिकों के लिए क्या कर सकता है? मुझे सीएम बनने का लालच नहीं है.”
तेज प्रताप ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया है ऐलान
मई में, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे को निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना का हवाला देते हुए परिवार और पार्टी दोनों से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.
पार्टी से निष्कासित किये जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने बगावत कर दी है और उन्होंने पहले महुआ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और उसके बाद उन्होंने कई छोटी-छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है. वह लगातार कहते रहे हैं कि कुछ जयचंदों ने उनके खिलाफ साजिश रची है और उनके राजनीतिक भविष्य को बर्बाद करने की कोशिश की है.
तेजस्वी यादव को जयचंदों से सावधान रहने कहा
कुछ दिन पहले, तेज प्रताप ने तेजस्वी से “जयचंदों” से सावधान रहने की अपील की थी. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा था, “मैं तेजस्वी से कहना चाहता हूं कि अभी भी समय है. अपने आस-पास के ‘जयचंदों’ से सावधान रहें, वरना चुनावों में आपको बहुत बुरे नतीजे देखने को मिलेंगे. अब आप कितने समझदार हैं, यह चुनाव नतीजों से तय होगा.”
उन्होंने मतदाता अधिकार यात्रा की एक घटना का भी जिक्र किया था, जिसमें कांग्रेस और राजद कार्यकर्ताओं पर एक ड्राइवर और एक पत्रकार पर हमला करने का आरोप लगाया गया था. उन्होंने लिखा था, “जिस तरह से विधायक के ड्राइवर और एक मीडियाकर्मी को ‘जयचंदों’ ने पीटा और गाली दी… वह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है.”
इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ, तेज प्रताप के खुलेआम बयान तेजस्वी यादव पर दबाव बढ़ा रहे हैं. छोटा भाई भले ही राजद का मुख्यमंत्री पद का चेहरा हो, लेकिन बड़े भाई की बगावत से यादवों का जनाधार बिखरने और पार्टी के चुनाव अभियान के जटिल होने का खतरा है.
