बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को बिहार आइडिया फेस्टिवल के नए पोर्टल का शुभारम्भ किया. इस ऑनलाइन मंच पर सूबे के छात्र, युवा, उद्यमी और स्टार्ट-अप टीमें अपने नवाचारी विचार अपलोड कर सकेंगे. और सरकार से सीधी मदद पा सकेंगे. सूचना भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री ने कहा कि हर बिहारी में एक आइडिया छिपा है, जरूरत है बस इसे पहचान और दिशा देने की. इसी दिशा में यह पोर्टल मील का पत्थर साबित होगा.
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य कम से कम 10 हजार आइडिया इस पोर्टल पर जमा हो. विशेषज्ञ टीम इन प्रस्तावों की जांच करेगी और चुने हुए विचारों को बाजार और निवेशक से जोड़ेगी. पोर्टल मोबाइल फ्रेंडली भी है. इसलिए गांव-कस्बों के युवा भी आसानी से पंजीकरण कर सकेंगे.
स्टार्ट-अप में बिहार तीसरे पायदान पर
उद्योग मंत्री ने ये भी कहा कि भारत में करीब 1.5 लाख स्टार्ट-अप पंजीकृत हैं और बिहार तीसरे पायदान पर है. पिछले एक वर्ष में बिहार के एक हजार नए स्टार्ट-अप्स का चयन किया है. 10 अगस्त तक आइडिया आमंत्रित किए जाएंगे और अगस्त के अंत में विजेताओं की घोषणा होगी. www.startupbihar.in पर जाकर कोई भी इच्छुक प्रतिभागी अपना आइडिया जमा कर सकते हैं.
चयनित स्टार्ट-अप को स्टार्ट-अप बिहार नीति के तहत 10 लाख रुपये तक की फंडिंग दी जाएगी. ट्रॉफी सलाहकार सेवाएं और राज्य-स्तरीय पहचान दी जाएगी. उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप दीदी बनकर जीविका की तरह हजारों महिलाएं भी उद्यमिता के पथ पर आगे बढ़ेंगी.
ग्रामीण युवाओं के लिए भी होगा कारगर
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि यह पहल शहरी केंद्रित स्टार्ट-अप संस्कृति को तोड़ते हुए ग्रामीण समुदायों, कारीगरों, किसानों और वंचित वर्गों तक पहुंचेगी. इस कार्यक्रम में निदेशक (उद्योग) मुकुल गुप्ता, निदेशक (हथकरघा एवं रेशम) निखिल धनराज निप्पणिकर, राज्य-भर के इनक्यूबेशन केंद्रों के प्रतिनिधि और स्टार्ट-अप बनाने वाले उपस्थित रहे.
