बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन महागठबंधन को तीन सीटों पर एकजुटता की बड़ी सफलता मिली है. वारसलीगंज और प्राणपुर में कांग्रेस उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लेकर आरजेडी के उम्मीदवारों को रास्ता दिया, जबकि बाबूबरही में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवार ने नामांकन वापस लिया.
वारसलीगंज में कांग्रेस के सतीश सिंह ने नामांकन वापस किया, जिससे आरजेडी की अनिता देवी माहतो चुनाव मैदान में अकेली हैं. प्राणपुर में कांग्रेस के तौकीर आलम ने नामांकन वापस लिया, जबकि आरजेडी की इशरत परवीन नामांकन के साथ मैदान में हैं. बाबूबरही से वीआईपी के बिंदु गुलाब यादव ने नामांकन वापस कर दिया और आरजेडी के अरुण कुशवाहा का मुकाबला अकेले रहेगा. यह निर्णय महागठबंधन में आपसी टकराव खत्म करने और एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी को दर्शाता है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में आयोजित हो रहे हैं, जिसमें पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा. कुल 243 सीटों के लिए दो चरणों में वोटिंग हो रही है. महागठबंधन के लिए यह एक महत्वपूर्ण रणनीति है क्योंकि गठबंधन के दल एक साथ मिलकर एनडीए की चुनौती का सामना करना चाहते हैं.
यह सीटों पर समन्वय महागठबंधन को मजबूत बनाता है और द्विदलीय मुकाबले को बढ़ावा देता है. नामांकन वापसी के बाद अब उम्मीदवारों की अंतिम सूची स्पष्ट हो रही है, जिससे चुनाव की तस्वीर और भी साफ होगी. इस तरह की रणनीतियां बिहार की राजनीति में गठबंधन की एकजुटता और चुनावी ताकत पर लड़ी जा रही जंग को दर्शाती हैं.

