पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में कुल चौदह एजेंडे को स्वीकृति प्रदान की गई है. कैबिनेट द्वारा बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति दे दी गई. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीने वाले लोगों को जमानत (Bail) के लिए अब अदालत जाने की जरूरत नहीं होगी. शराब पीते हुए पकड़े जाने पर किसी भी शख्स को एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और आर्थिक दंड लगा कर जमानत दे दी जाएगी.
साथ ही, जो लोग पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाएंगे, यदि वो शराब बेचने वाले धंधेबाज का नाम पुलिस-प्रशासन को बता देंगे तो उन्हें मामूली फाइन देकर जमानत दे दी जाएगी. इसके अलावा शराब के कारोबार में संलिप्त वाहनों का अब लैब रिपोर्ट मिलने के बाद वीडियोग्राफी करा कर उसकी नीलामी करवाई जाएगी. इसके पहले शराब के काले कारोबार में जो वाहन इस्तेमाल में लाए जाते थे वैसे वाहनों को पकड़े जाने के बाद राज्यसात करने की प्रक्रिया थी. इसके कारण कानूनी प्रक्रिया में काफी देर हो जाती थी. मगर अब इस प्रकार के वाहनों की नीलामी कम समय में हो जाएगी. संशोधन विधेयक में अभी प्रावधान किया गया है कि किसी वैसे वाहन जिसमें पहली बार शराब पकड़ी जाती है या उससे कारोबार नहीं किया गया हो तो उसके वाहन मालिक से एक निश्चित राशि लेकर छोड़ दिया जाएगा. किसी भी निजी गाड़ी या सार्वजनिक परिवहन में एक-दो बोतल शराब पकड़े जाने पर उससे फाइन लेकर छोड़ने का प्रावधान लाया गया है.
कैबिनेट की बैठक में 14 एजेंडे को दी गई मंजूरी
कैबिनेट ने पहली बार साबुत चना और साबुत मसूर की खरीद करने के फैसले को भी अपनी मंजूरी दे दी है. धान और गेहूं की अधिप्राप्ति की तरह चना और मसूर की खरीद होनी है. इसके लिए नेफेड और एसएफसी के बीच ऐमो किया जाएगा. सरकार ने चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 52.30 रुपए प्रति किलोग्राम किया गया है. जबकि मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है.
वहीं, कैबिनेट ने पटना विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए 57 करोड़ की राशि को अपनी मंजूरी दे दी है. इसके अलावा राज्य के 50 विद्यालयों में मॉडल लैब तैयार करने की भी नीतीश सरकार ने स्वीकृति दे दी है. साथ ही मॉडल लैब की स्थापना के लिए आईआईटी पटना का सहयोग लेना तय किया गया है. आईआईटी पटना ही मॉडल की स्थापना करेगा.