सीतामढ़ी। पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जहाँ मौसम को ठंडा और सुहाना बना दिया है, वहीं शहरवासियों के लिए यह बरसात बड़ी मुसीबत लेकर आई है। बारिश का पानी सड़कों पर जमने से अधिकांश मोहल्लों में स्थिति नारकीय हो चुकी है। मुख्य सड़कों और गलियों पर जलजमाव से आवागमन बाधित हो गया है। लोग कामकाज के लिए घर से निकलने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत स्कूली बच्चों और कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों को हो रही है, जिन्हें कीचड़ और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। खासकर अधिकांश मोहल्लों में निर्माण कार्य चल रहा है।
निर्माण स्थलों पर स्थिति नारकीय बनी हुयी है। आधे-अधूरे निर्माण से पानी व कीचड़ के बीच फिसलन बढ़ गयी है। सड़क का लेवल उंचा-निचा रहने के साथ फिसलन के बीच लोग ढ़ंग से पैदल भी नहीं चल पा रहे है। बाइक पलट रही है। निर्माण के चलते मोहल्ले में रिक्शा व ऑटो नहीं आ पा रही है। आदर्शनगर, प्रतापनगर व रघुनाथपुरी में बारिश के बीच निर्माण मुसीबत बन गयी है। जलजमाव से मोहल्लों की स्थिति बदतर: बरसात का पानी कई इलाकों में निकासी नहीं होने से गहरा गया है। कई जगहों पर घुटनों तक भर गया है। खासकर जर्जर पथों पर जलजमाव गहराने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गयी है।
मेला रोड, कोट बाजार, आदर्श नगर, रघुनाथपुरी और वार्डों की संकरी गलियों में जलजमाव के कारण लोगों को घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है। वाहन चालकों को सड़क पर भरे पानी के कारण गड्ढों का अंदाजा नहीं लग रहा, जिससे आए दिन दुर्घटनाएँ हो रही हैं। नव-निर्माण स्थलों पर बढ़ी समस्या: शहर में चल रहे निर्माण कार्यों ने जलजमाव की समस्या और गंभीर कर दी है। कई जगह सड़क और नाली का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। बारिश का पानी इन स्थलों पर भरकर गड्ढों का रुप ले चुका है। लोगों का आरोप है कि नगर निगम की लापरवाही और ठेकेदारों की उदासीनता से समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं हो सका। इससे न केवल जलजमाव की समस्या बढ़ी है बल्कि रोजमर्रा की आवाजाही भी ठप हो गई है। डीएम को सामूहिक आवेदन और आरोप: कई मोहल्लों के लोगों ने नाराजगी जताते हुए कई जगहों से डीएम को सामूहिक आवेदन दिया है। जहां रघुनाथपुरी के विजय कुमार, रमेश कुमार, आदर्श कुमार आदि लोगों डीएम को सामूहिक आवेदन दिया।
इसमें कहा गया है कि निर्माण कार्यों में भारी गुणवत्ता की कमी है। लोगों का आरोप है कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर खानापूर्ति की जा रही है। समय पर निर्माण पूरा न होने और गुणवत्ता से समझौते की वजह से थोड़ी सी बारिश में ही सड़कों का हाल बेहाल हो गया है। नारकीय स्थिति में जीवन: रिंग बांध, मंडल नगर, भारती नगर, गौशाला समेत दर्जनभर से अधिक मोहल्लों में लोग पानी और कीचड़ के बीच जीने को मजबूर हैं। घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लोग कहते हैं कि नगर निगम केवल खानापूर्ति कर रहा है। पंपसेट लगाने की बातें की जाती हैं, लेकिन जलनिकासी की स्थिति में कोई बड़ा सुधार नहीं दिखता। स्थानीय लोग बताते हैं कि रोज़मर्रा की खरीददारी, स्कूल जाना और काम पर निकलना अब एक चुनौती बन चुका है। नगर निगम का पक्ष: मामले पर नगर आयुक्त डॉ. गजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि पानी निकासी के लिए नगर निगम क्षेत्र के 11 स्थानों पर पंपसेट लगाए गए हैं। साथ ही दो अधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि शहर में जो निर्माण कार्य समय पर पूरे नहीं हो पाए हैं और जिनमें गुणवत्ता की शिकायत मिल रही है, उसकी जाँच कराई जाएगी। जाँच में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
