9 साल की कच्ची उम्र और दादीघर नवादा, बिहार का क्रिकेट फील्ड। ईशान किशन को तब पहली दफा क्रिकेट वाला बुखार जोर से चढ़ा था। टेनिस बॉल से आयोजित हुए उस टूर्नामेंट में मुकाबला कड़ा था लेकिन अपना ईशान भी सीना ठोक कर खड़ा था। टूर्नामेंट में अधिकतर खिलाड़ी ईशान से बड़ी उम्र के थे लेकिन काबिलियत उम्र की मोहताज नहीं होती। ईशान की पढ़ाई-लिखाई जरूर पटना में हो रही थी लेकिन छुट्टी के दौरान ईशान ने भी स्कूल वाला शर्ट पहन कर नवादा में बल्ले से तूफान ला दिया था। बिहार में अक्सर बच्चे आपको स्कूल ड्रेस वाला शर्ट-पैंट पहनकर क्रिकेट खेलते हुए दिख जाएंगे। इसको लेकर पूरे सूबे में अलग लेवल का क्रेज है।
पहली बार था, जब ईशान ने तमाम गेंदबाजों का भूत बना दिया था और अपनी टीम को ट्रॉफी जिता दिया था। कई गेंदें तो कभी मैदान में वापस ही नहीं आ पाईं क्योंकि छक्के लगने के बाद दर्शक उन्हें तोहफा समझ कर घर ले जाए। कहते हैं ना, अगर एक बार किसी को जीत वाली ट्रॉफी चूमने का चस्का लग जाए तो फिर जीवन भर वही नशा सर चढ़कर बोलता है। नवादा के लोग आज भी उस ग्रामीण क्रिकेट टूर्नामेंट में नौनिहाल ईशान के धमाकेदार प्रदर्शन को बहुत गर्व से याद करते हैं। सबको लगा था कि इस बच्चे में कुछ तो विशेष है लेकिन किसी ने शायद ही कल्पना की थी कि ठीक 15 साल बाद वही ईशान वनडे क्रिकेट का सबसे तेज दोहरा शतक लगा देगा। 138 गेंदों में डबल सेंचुरी बनाने वाले यूनिवर्स बॉस क्रिस गेल का रिकॉर्ड सिर्फ 126 गेंदों में तोड़ डालेगा।
कहते हैं कि जो बच्चे बचपन में जितने ज्यादा शरारती होते हैं, वे बाद में उतने ही जिम्मेदार बन जाते हैं। ईशान को 7 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलने का शौक लग गया था। वह पटना की अपनी कॉलोनी में आस-पड़ोस के लोगों के घरों के शीशे छक्के जड़कर तोड़ दिया करते थे। बदले में माता-पिता के सामने शिकायतों का अंबार…! ईशान के बड़े भाई राजकिशन भी बहुत शानदार खिलाड़ी थे। दोनों भाई अक्सर साथ में मोइनुल हक स्टेडियम, पटना में क्रिकेट खेला करते थे। इसी बीच एक दिन ईशान के स्कूल का विकेटकीपर नहीं आया और बदले में उनको कीपिंग करने का मौका मिला। ईशान ने उस मुकाबले में 2 मुश्किल कैच लपके और 1 स्टंपिंग किया। उस दिन ईशान को पहली दफा लगा कि मैं बैटिंग के अलावा अच्छी विकेटकीपिंग भी कर सकता हूं।
इसी बीच ईशान को कान में कुंडल पहनने का चस्का लग गया। डीपीएस, पटना में क्लास सिक्स के स्टूडेंट ईशान को जब ऐसा करने से मना किया गया तो उन्होंने ऐसे ही बातों-बातों में कह दिया कि यह मेरे दादाजी की आखिरी इच्छा थी। जबकि ईशान के दादाजी आज भी हैं। तभी SGFI ( स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के अंडर 14 ट्रायल के लिए ईशान के बड़े भाई राजकिशन तैयार हो रहे थे और नन्हे ईशान ने जिद ठान ली कि मैं भी हर हाल में ट्रायल दूंगा। चयनकर्ता ईशान की प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए और तुरंत उनका सिलेक्शन कर लिया गया। उस ट्रायल में ईशान ने कुछ छक्के ऐसे लगाए थे, जो सीधा स्टेडियम पार जाकर गिरे थे। बाद में पढ़ाई में ध्यान ना लगाने और शरारतों की वजह से ईशान को स्कूल से निकाल दिया गया। वह अलग बात है कि दोहरा शतक जड़ने के बाद से वही स्कूल ईशान का पोस्टर लगाकर अपना प्रमोशन कर रहा है।
पिता प्रणव पांडे नहीं चाहते थे कि उनके दोनों बेटे क्रिकेट के फील्ड में ही जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है। ऐसे में कम से कम एक बेटा पढ़ाई-लिखाई करे और डॉक्टर-इंजीनियर बने। बड़े भाई राजकिशन ने छोटे भाई की खातिर कुर्बानी दे दी। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं मिली थी और ऐसे में कोच संतोष के कहने पर पिता प्रणव पांडे ने बेटे ईशान को झारखंड से खेलने की अनुमति दे दी। आज भी 14 छक्कों की मदद से ताबड़तोड़ 273 रन जड़ने वाले ईशान के नाम झारखंड की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलते हुए सर्वाधिक निजी स्कोर बनाने का कीर्तिमान है।
14 मार्च 2021 को इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 डेब्यू करते हुए पॉकेट डायनामाइट कहे जाने वाले ईशान ने 32 गेंदों पर तूफानी 56 रन बनाए थे। अंग्रेजों की खतरनाक बॉलिंग लाइनअप के सामने 175 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 5 चौके और 4 आसमान पार छक्के लगाए थे। भारत 13 गेंदें शेष रहते मुकाबला जीत गया था और ईशान किशन को उनकी बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया था।
श्रीलंका के खिलाफ 18 जुलाई, 2021 को वनडे डेब्यू करते हुए ईशान ने 42 गेंदों पर 59 रन बनाए थे। 140 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए 8 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के लगाए थे। लगातार आक्रामक बल्लेबाजी करने के बावजूद ईशान को अबतक केवल 10 वनडे और 21 टी-20 मुकाबले खेलने का अवसर दिया गया है। उम्मीद है कि वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज दोहरा शतक जड़ने के बाद ईशान के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। उसे लगातार भारत की तरफ से खेलने का अवसर दिया जाएगा। Lekhanbaji को यकीन है कि पूरा हर ख्वाब होगा। ईशान किशन भारतीय क्रिकेट का अगला नवाब होगा।