इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-इजरायल के बीच संबंध आपसी सराहना और सार्थक सहयोग पर आधारित हैं. बेनेट ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में भारत का दौरा करेंगे. इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच इनोवेशन और टेक्नोलॉजी, सिक्योरिटी और साइबर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. इसके अलावा, दौरे का मकसद कृषि और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में जारी सहयोग का विस्तार करना भी है.
इजरायल के पीएम के विदेश मीडिया सलाहकार ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निमंत्रण पर शनिवार 2 अप्रैल 2022 को भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करेंगे.’ बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं की पहली मुलाकात पिछले अक्टूबर में ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) से इतर हुई थी, जब पीएम मोदी ने पीएम बेनेट को भारत की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया था. इसमें कहा गया, ‘ये यात्रा देशों और नेताओं के बीच महत्वपूर्ण संबंध की पुष्टि करेगी. साथ ही इजरायल और भारत के बीच संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ को चिह्नित करेगी.’
ये हो सकता है बेनेट का यात्रा कार्यक्रम
सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि बेनेट का ये दौरा चार दिवसीय होगा, जो दो अप्रैल से पांच अप्रैल तक चलेगा. मीडिया सलाहकार ने कहा, ‘यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक गठबंधन को आगे बढ़ाना, मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करना है. इसके अलावा, दोनों नेता इनोवेशन, अर्थव्यवस्था, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, कृषि और अन्य मुद्दों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे.’ बेनेट अपनी यात्रा के दौरान अपने भारतीय समकक्ष, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और स्थानीय यहूदी समुदाय से भी मुलाकात करेंगे. बयान में कहा गया है कि यात्रा का पूरा कार्यक्रम और अतिरिक्त विवरण अलग से जारी किया जाएगा.
अपनी यात्रा को लेकर खुश हूं: नफ्ताली बेनेट
नफ्ताली बेनेट ने प्रेस बयान में कहा, ‘मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करने को लेकर खुश हूं. साथ मिलकर हम अपने देशों के संबंधों को आगे बढ़ाते रहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने भारत और इजरायल के बीच संबंधों को फिर से शुरू किया और यह ऐतिहासिक महत्व वाला है. हमारी दो अनूठी संस्कृतियों (भारतीय संस्कृति और यहूदी संस्कृति) के बीच संबंध गहरे हैं और वे प्रशंसा और सार्थक सहयोग पर भरोसा करते हैं.’