परिहार। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के तराई क्षेत्रों से निकलने वाली अधवारा समूह की हरदी एवं मरहा नदी का तांडव प्रखंड में प्रत्येक वर्ष दिखने को मिलता है। हरदी नदी अपनी धारा बदलने के लिए पहचाना जाता है। लोग इसे तालाब का दुश्मन भी बताते हैं।
जानकारों की माने तो दो दशक में इस नदी ने प्रखंड क्षेत्र में विभिन्न गांवों तीन बार धारा बदली है। कुछ दशक पूर्व हरदी नदी प्रखंड क्षेत्र के नोनाही गांव से गुजरती थी। इसके बाद धारा बदलकर महादेवपट्टी से दक्षिण आ गई। यहां भी नदी ज्यादा समय नहीं रुकी और धारा बदलकर जगदर के पास आ गई। जहां सरकार की तरफ से तीसरी बार पुल बनवाया गया था। पिछले वर्ष नदी ने उस पुल को छोड़कर लहुरिया गांव के समीप अपनी धारा बना लिया।
लहुरिया में भी हो रहे पुल निर्माण से लोगों को फायदा नहीं होगा। लोगों का कहना है कि धारा मोड़ने से ही बाढ़ की समस्या का समाधान होगा। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद जमा खान ने बाढ़ग्रस्त इलाका लहुरिया का दौरा पिछले वर्ष किया था। ग्रामीणों की समस्या से अवगत होने के बाद मंत्री ने गांव की ओर बने धारा को बांधने एवं मुख्यधारा में नदी का बहाव सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारी को दिया था। नई धारा को पुरानी धारा में ले जाने की खूब कोशिश हुई। लेकिन सफलता नहीं मिली।
स्रोत हिंदुस्तान