एक राशन कार्ड पर 20 से अधिक पारिवारिक सदस्यों के नाम के कारण राज्य के करीब तीन लाख राशन कार्ड संदेह के घेरे में आ गए हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने इन राशन कार्ड वाले परिवारों के सत्यापन का आदेश दिया है। सभी जिलों को कहा गया है कि यदि पारिवारिक सदस्यों का सत्यापन नहीं होता है, तो इन राशन कार्ड को रद्द किया जाये।
विभागीय आदेश के आलोक में जिले में ऐसे राशन कार्डधारी परिवारों की सूची बनायी गई है। मुजफ्फरपुर में करीब 10 हजार राशन कार्ड ऐसे हैं, जिनपर पारिवारिक सदस्यों की संख्या 20 से लेकर 35 तक है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के निदेशक के निर्देश पर ओएसडी संगीता सिंह ने सभी जिलों को निर्देश जारी किया है। कहा गया है कि समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि राज्य के सभी जिलों में ऐसे राशन कार्ड की संख्या बहुत अधिक है, जिनमें 20 से अधिक पारिवारिक सदस्यों के नाम हैं।
खाद्यान्न कालाबाजारी की आशंका
इन सभी कार्ड के माध्यम से खाद्यान्न की कालाबाजारी की आशंका है। आज के दौर में एक परिवार के राशन कार्ड में 20 सदस्यों के नाम शामिल होना आश्चर्य का विषय है। विशेष कार्य पदाधिकारी ने सभी एसडीओ को इनका सत्यापन कराने को कहा है। कहा गया है कि इन संदिग्ध राशन कार्ड की जांच की जाए और यदि पारिवारिक सदस्यों के नाम सही नहीं पाये जाते हैं तो इन राशन कार्ड को रद्द करने की कार्रवाई की जाए। राशन कार्ड सत्यापन के लिए सभी एसडीओ को 15 दिन का समय दिया गया है।
प्रवासियों के बने दो-दो राशन कार्ड भी होंगे रद्द
विभाग ने कहा है कि बड़ी संख्या में राज्य के निवासियों के नाम पर राज्य में और दूसरे राज्य में भी राशन कार्ड पाये गए हैं। एसडीओ को ऐसे सभी राशन कार्डधारियों के सत्यापन का आदेश दिया गया है। कहा गया है कि जांच कर लिया जाए कि लाभार्थी परिवार वास्तव में कहां रह रहे हैं। यदि परिवार यहां नहीं रह रहा है तो उस राशन कार्ड को रद्द किया जाये। ऐसा पाया गया है कि एक ही कार्डधारी के पैतृक घर पर भी खाद्यान्न का उठाव किया गया है और उसी नाम से दूसरे राज्य में बने राशन कार्ड से भी उतना ही खाद्यान्न का उठाव किया गया है।