बिहार के सरकारी स्कूलों में अब अनुशासन और पढ़ाई पर कोई समझौता नहीं होगा. शिक्षा विभाग ने स्कूलों की रोजाना ऑनलाइन मॉनीटरिंग शुरू कर दी है. हर स्कूल की गतिविधियों की तस्वीरें खिंचकर विभाग तक भेजी जाएंगी. इसमें यह देखा जाएगा कि प्रार्थना हुई या नहीं, कितने शिक्षक और बच्चे मौजूद थे और पढ़ाई किस तरह हुई.
सुबह 9:30 बजे के बाद नहीं मिलेगी एंट्री
सुबह 9:30 बजे तक शिक्षक और छात्र स्कूल पहुंचना अनिवार्य हैं. इसके बाद आधे घंटे का चेतना सत्र होता है, जिसमें प्रार्थना, राज्य गीत, राष्ट्रगीत, सामान्य ज्ञान, प्रेरक कहानियां और बच्चों के बाल, नाखून व यूनिफॉर्म की जांच शामिल है. स्कूल शुरू होने से 15 मिनट पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है और मेन गेट बंद कर दिया जाता है. देर से आने वाले बच्चों को अगले दिन ही प्रवेश मिलेगा.
डॉ. एस. सिद्धार्थ के पहल पर हुआ लागू
इस व्यवस्था को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की पहल पर लागू किया गया है. 20, 21 और 22 अगस्त को राज्य के सभी 38 जिलों से रैंडम तरीके से तीन-तीन स्कूलों की तस्वीरें मंगवाकर समीक्षा की गई. नतीजा यह निकला कि ज्यादातर स्कूलों में नियमों के अनुसार कामकाज हो रहा था.
किसी भी समय मांगा जा सकता है फोटो
पहली तीन घंटियों में केवल गणित, विज्ञान और भाषा की पढ़ाई होगी. मॉनीटरिंग के लिए हर फोटो में स्कूल का स्थान, समय और अन्य डिटेल दर्ज रहती है. विभागीय अधिकारी किसी भी समय फोटो मांग सकते हैं और स्कूल को उपलब्ध कराना होगा. अगर तय समय पर कामकाज नहीं होता है तो स्कूल प्रमुख से लिखित जवाब मांगा जाएगा और लापरवाही होने पर कार्रवाई भी की जाएगी.
