सुरसंड। क्षेत्र में शारदीय नवरात्र महापर्व का शुभारंभ सोमवार को कलश स्थापना के साथ अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के बीच हुई। इस अवसर पर सुरसंड दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में पंद्रह हजार से अधिक कुंवारी कन्याओं द्वारा ऐतिहासिक कलश शोभायात्रा निकाली गयी। जिसमें सुरसंड प्रखंड ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों व नेपाल सीमा से भी भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा बाबा गरीब स्थान स्थित दुर्गा मंडप परिसर से प्रारंभ हुई और नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई ऐतिहासिक बूढ़ा पोखर पहुंची। वहां कन्याओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल से अपने कलशों को भरकर पुनः दुर्गा मंडप परिसर लौटकर विधि-विधान के साथ आचार्यों के निर्देशन में कलश स्थापना की।
इस दौरान वातावरण ‘जय मां दुर्गा, ‘जय माता दी के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। कलश शोभा यात्रा की विशेषता मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में सजी कन्याओं की झांकी रही, जिन्हें भव्य रथ पर सवार करके शोभा यात्रा के साथ नगर परिभ्रमण करायी गयी। शोभायात्रा मार्ग को आकर्षक रंगोली, तोरणद्वार व फूलों से सजाया गया था। सड़क के दोनों किनारों पर खड़े श्रद्धालुओं ने कन्याओं पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया। भीड़ का आलम यह रहा कि नगर पंचायत क्षेत्र के अधिकांश मकानों की छतों पर महिलाएं और पुरुष चढ़कर शोभायात्रा का नजारा देखते रहे। पूरी यात्रा के उपरांत दुर्गा पूजा समिति के तत्वावधान में सभी कन्याओं को दुर्गा मंडप परिसर में सामूहिक रुप से पारंपरिक कन्या-भोजन कराया गया। आयोजन की भव्यता और श्रद्धा ने इसे एक ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान किया। विदित हो कि दशकों से सुरसंड में आयोजित होने वाला दुर्गा पूजा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए सांस्कृतिक मिलन का महापर्व भी बन चुका है। प्रखंड के अन्य पंचायतों में भी नवरात्र के अवसर पर कलश शोभायात्रा निकाली गई और पूजा की तैयारियां चरम पर हैं।
