मोतिहारी: कहा जाता है कि पुलिस के अनुसंधान और जांच के आधार पर ही किसी को सजा होती है या फिर कोई बरी होता है दूसरे शब्दों में कहे तो आरोपी को सजा जरूर न्यायालय से मिलती है पर सजा के लायक डायरी पुलिस ही लिखती है. पुलिस की नौकरी के लिए पढ़ाई के बाद उसकी ट्रेनिंग करनी पड़ती है.
जहां अधिकारियों को बारीकी से कानून और अनुसंधान करने का व्यवहारिक ज्ञान मिलती है. लेकिन मोतिहारी से एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस की कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठने लगा है. बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मोतिहारी पुलिस पर लापरवाही और कानून का मखौल उड़ाने का आरोप लगा है.
ताजा मामला घोड़ासहन थाना के कांड संख्या 360/24 से जुड़ा हुआ है. जहां इस कांड में मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में पांच युवकों को जेल भेजा गया. पुलिस का दावा है कि चोरी की पांच मोटरसाइकिल ,रुपया और एक कट्टा भी आरोपियों के पास बरामद हुआ है. इस उपलब्धि पर घोड़ासहन थाना ने अपने थाना पर प्रेसवार्ता का आयोजन करते हुए मोटरसाइकिल चोरी के बड़े रैकेट चलाने वाले गिरोह का उद्भेदन करने का दावा किया है.
घोड़ासहन थाना का यह दावा सही भी है पर एक चूक के कारण मोटरसाइकिल चोर गिरोह के उद्भेदन की उपलब्धि अब चर्चा में आ गया है. घोड़ासहन थाना के द्वारा पांच अभियुक्तों को जेल भेजा गया. उसके बाबत बाकायदा एसपी ऑफिस से तस्वीर के साथ एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया गया.एसपी ऑफिस के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में गिरफ्तार किए गए मोटरसाइकिल चोर गिरोह के पांच बदमाशों का नाम है. उसमें पहला नाम विवेक घोसाल का है जो घोड़ासहन थाना द्वारा उसी मामले में दर्ज एफआईआर में स्वतंत्रत गवाह भी है.
घोड़ासहन थाना कांड संख्या 360/24 में स्वतंत्र गवाह जिसके सामने जप्ती सूची बना है. वहां भी विवेक घोसाल का ही नाम है. मतलब यह युवक विवेक घोसाल चोर भी है और उसी मामले में स्वतंत्र गवाह भी है. इस बाबत मोतिहारी के एसपी ने बताया कि सीजर में विवेक घोसाल का नाम है जो अभियुक्त भी है.