ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत पाकिस्तान में तांडव मचा रहा था तब भारत के अलावा पूरी दुनिया में अगर सबसे अधिक कोई और खुश था तो वह थे बलूचिस्तान. बलूचिस्तान की जनता ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का जमकर समर्थन किया. अब बलूचिस्तान के लोगों को भारत से उम्मीद है. उम्मीद है बलूचिस्तान की आजादी. यह हम नहीं कह रहे हैं. यह कहना है बलूचिस्तान के मानवाधिकार कार्यकर्ता, पत्रकार, और बलूच देशभक्त मीर यार बलोच का. मीर यार ने प्रधानमंत्री मोदी को एक ओपन लेटर लिखा है. उसमें उन्होंने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. साथ ही बलूचिस्तान में हो रही पाकिस्तानी जिहादी सेना की ओर से तानाशाही का भी जिक्र किया है.
28 मई 2025 को मीर यार बलोच ने एक्स पर एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के लिए लेटर लिखा है. जिसमें मीर यार बलोच लिखते हैं कि माननीय नरेंद्र मोदी जी, बलूच राष्ट्र की ओर से यह खुला पत्र आपको लिखा जा रहा है. ठीक 27 साल पहले, 28 मई 1998 को पाकिस्तान की जिहादी सेना ने हमारे खूबसूरत बलूचिस्तान की रास कोह पहाड़ियों में छह परमाणु परीक्षण किए. नवाज शरीफ सरकार के साथ मिलकर पाकिस्तानी सेना ने हमारी इच्छा या सहमति के बिना इन पवित्र पहाड़ों को विनाशकारी विस्फोटों का अड्डा बना दिया. इन परीक्षणों ने हमारी जमीन को जहरीले रेडिएशन से भर दिया, जिसके दुष्परिणाम आज भी हमारे लोग भुगत रहे हैं. इन विस्फोटों से चगाई और रास कोह की पहाड़ियों में आज भी बारूद की गंध से जिंदगी बर्बाद है. हमारी माताएं आज भी असामान्य बच्चों को जन्म दे रही हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक अक्षमताएं हैं. लाखों एकड़ खेती की जमीन बंजर हो गई, पशु-वन्यजीवों पर खतरा बढ़ गया. हमारी प्राकृतिक सुंदरता को को खूब नुकसान हुआ. आज फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट और बलूच लोग इन परीक्षणों के खिलाफ विरोध में खड़े हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि पाकिस्तान के खतरनाक परमाणु हथियारों को जब्त किया जाए, ताकि हमारी जमीन को और विनाश से बचाया जा सके.
