पटना. आज पटना हाईकोर्ट में गायघाट रिमांड होम मामले की वर्चुअल मोड में सुनवाई हुई. कोर्ट ने गायघाट रिमांड होम की पीड़िता की रूह कपकपाने वाली दास्तां सुनकर कहा कि इस मामले की जांच डीएसपी स्तर की महिला पुलिस अधिकारी करें. ताकि पीड़िता अपनी पीड़ा को महिला अधिकारी को खुलकर बता सके. पटना हाईकोर्ट ने निर्देश देते हुए साफ तौर से कहा है कि इस केस को लेकर जांच टीम का गठन किया जाए और जांच DSP लेवल की अधिकारी से कराया जाए, साथ ही एक महिला अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए. साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई में जांच रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है. हाईकोर्ट ने गायघाट रिमांड होम की पीड़िता को हरसंभव कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले से जुड़े सभी डाक्युमेंट्स को ऑन रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया है. दूसरी तरफ महिला विकास मंच की मध्यस्थ याचिका को भी मंजूर कर लिया गया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 25 फरवरी को होगी.
बता दें कि पटना स्थित गायघाट रिमांड होम केस के सामने आने के बाद से ही महिला विकास मंच पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहा है. इसी का नतीजा रहा कि आज पटना हाईकोर्ट में यह केस सुनवाई तक पहुंचा. आज पटना हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने हलफनामे रिकॉर्ड पर लाने को कहा है, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी 2022 का बयान भी शामिल होना चाहिए. आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीड़िताओं के बयान पर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज हो गई है.
बता दें कि पटना के गायघाट रिमांड होम में लड़कियों को नशीला पदार्थ देकर उनसे बलात्कार का मामला सामने आया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस गंभीर मामले में ढुलमुल रवैया अपनाने के लिए समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर को कड़ी फटकार लगाई है. जिसके बाद समाज कल्याण विभाग की जांच में तेजी आई है. बता दें कि गायघाट रिमांड होम से भागी एक युवती ने शेल्टर होम संचालिका वंदना गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है. बच्चियों को नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधा करने के लिए विवश किया जाता है. अब इन सभी मामलों की जांच चल रही है और कोर्ट के फटकार के बाद सरकार की क्या रवैया रहती है ये देखने वाली बात होगी.