पूर्व प्रधानमंत्री और JD(S) सुप्रीमो एच. डी. देवेगौड़ा के पोते रेवन्ना ने अदालत के फैसले के बाद शनिवार को जेल में अपनी पहली रात बिताई. अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया. बताया जा रहा है कि वह रो रहे थे और काफी परेशान दिखाई दे रहे थे. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि रेवन्ना को बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में कैदी की संख्या दी गई है. उन्हें कैदी संख्या 15528 आवंटित की गई.
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना के ऊपर पिछले साल यौन शोषण को लेकर चार मामले दर्ज किए गए थे. जिनमें से एक मामले में उन पर आरोप था कि उनके घर में काम करने वाली 48 साल की महिला के साथ उन्होंने बलात्कार किया है. इसी मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए रेवन्ना को उम्रकैद की सजा सुनाई.
स्वास्थ्य की हुई जांच
जेल के डॉक्टरों ने शनिवार देर रात उनके स्वास्थ्य की जांच की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी हालत सामान्य हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चिकित्सा जांच के दौरान वह रो पड़े और उन्होंने कर्मचारियों के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की. बताया जा रहा है कि प्रज्वल ने कर्मचारियों को सूचित किया कि उन्होंने कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सुरक्षा कोठरी में हैं बंद
प्रज्वल इस समय एक उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में बंद हैं और उन्हें कड़ी सुरक्षा प्रदान की जा रही है. जेल अधिकारियों ने बताया कि दोषियों को एक मानक ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है और उन्हें भी कैदियों को दी जाने वाली वर्दी पहननी होगी. उन्होंने बताया कि रविवार सुबह प्रज्वल को आधिकारिक तौर पर कैदी संख्या 15528 आवंटित की गई.
इतने लाख रुपये का लगा था जुर्माना
प्रज्वल को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ कोर्ट ने प्रज्वल पर कुल 11 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने निर्देश दिया की 11 लाख 25 हजार रुपये पीड़िता के परिवार को दिए जाए. बताया जा रहा है कि 2021 में प्रज्वल ने अपनी 48 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ हसन फार्म हाउस और बेंगलुरु स्थित आवास पर दो बार बलात्कार किया गया और आरोपी ने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया.
इसके तहत दर्ज किया गया मामला
मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (SIT) ने प्रज्वल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(K)(किसी महिला साथ बलात्कार करना), 376 (2)(N) (एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करना), 354 A (यौन उत्पीड़न), 354B, 354C, 506 (आपराधिक धमकी) और 201 (सबूत मिटाना) और आईटी अधिनियम की धारा 66E (गोपनीयता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया था.
