राम जन्मभूमि अयोध्या से बिहार के सीतामढ़ी में स्थित मां सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम तक रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को इस परियोजना को मंजूरी दी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने इस रेल लाइन के निर्माण से श्रद्धालुओं को अयोध्या के साथ ही मां जानकी की जन्मस्थली पुनौरा धाम तक आने में सुविधा होगी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि रेलवे के इस प्रोजेक्ट को चार साल में पूरा करने की योजना है। इस परियोजना के तहत 4553 करोड़ रुपये की लागत से 256 किलोमीटर की रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा।
सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि उन्होंने इस पुनौरा धाम तक रेल संपर्कता बढ़ाने के संबंध में पीएम मोदी से पूर्व में अनुरोध किया। केंद्रीय कैबिनेट का यह फैसला स्वागत योग्य है। राज्य के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि राम की जन्मभूमि अयोध्या से माता सीता के जन्मस्थान सीतामढ़ी तक करीब 256 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने का फैसला बिहार के विकास को तेज करेगा। इससे उत्तर बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। रेलवे लाइन के दोहरीकरण से बिहार को काफी फायदा होगा।
केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया कि इस परियोजना के तहत नरकटियागंज, रक्सौल, सीतामढ़ी होते दरभंगा तक रेल लाइन को डबल किया जाएगा। वहीं, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के बीच मल्टी ट्रैकिंग सुविधा विकसित की जाएगी। इससे यूपी और बिहार की पश्चिम बंगाल, ओडिशा और नॉर्थ ईस्ट तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। पूर्वोत्तर भारत के लिए वैक्लपिक मार्ग उपलब्ध होगा। यह उत्तर बिहार का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो मिथिलांचल के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
पांच वर्षों में पूरा किया जायेगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बिहार के लिए रेल मंत्रालय की 4553 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण किया जायेगा, जो 256 किलोमीटर लंबा है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के अनुसार इस परियोजना को पांच वर्षों में पूरी करने का निर्देश जारी किया गया है।
नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क होगा मजबूत
इस संबंध में बताया गया है कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में सुविधा होगी। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) में परिवहन-संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, जिससे लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को इसके लिए आभार जताया है।