पटना: बिहार के एक बहुत बड़े क्षेत्र के लिए बेहद राहत भरी खबर है। उनकी बहुप्रतिक्षित मांग पूरी होने वाली है। आमान परिवर्तन एवं विद्युतीकरण के बाद रेलवे मंडल प्रशासन ने मंडल की दो नई राजधानी एक्सप्रेस चलाने का प्रस्ताव रेलवे मुख्यालय को भेजा है। रेलवे मंडल से प्रस्ताव की मंजूरी मिली तो दोनों राजधानी एक्सप्रेस न्यू जलपाइगुड़ी से कटिहार-सहरसा-दरभंगा-सीतामढी भाया नरकटियागंज-गोरखपुर व न्यू जलपाईगुड़ी कटिहार जोगबनीत्री सुपौल- दरभंगा-सीतामढ़ी भाया नरकटियागंज गोरखपुर के रास्ते चलेगी।
इस रूट पर राजधानी के परिचालन से उत्तर बिहार का लगभग सभी जिला मुख्यालय राजधानी एक्सप्रेस से जुड़ जाएंगे। इन दिनों नए क्षेत्र में यात्रियों की संख्या अधिक बताई जा रही है। माना जा रहा कि लोग इस ट्रेन का उपयोग हवाई जहाज के विकल्प के रूप में कर सकते हैं। चूंकि दरभंगा में हवाई अड्डा शुरू होने से उत्तर बिहार में बड़े पैमाने पर लोग हवाई यात्रा करने लगे हैं। रेलवे सूत्रों ने बताया कि इस नई दोनों रूटों पर न्यू जलपाईगुड़ी से रक्सौल तक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन का भी प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही इन रूट से रोज 25 माल ट्रेनों के परिचालन का भी प्रस्ताव दिया गया है। माना जा रहा कि इस नये रूटों पर राजधानी, इंटरसिटी व माल ट्रेनों के परिचालन से मंडल को अर्निंग के मामले में काफी फायदा पहुंचने वाला है।
इस रूट से दिल्ली जाने में तीन घंटे बचेगा समय
डिब्रुगढ़ से नई दिल्ली के बीच भाया हसनपुर-समस्तीपुर के रास्ते चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस को 41 घंटा 43 मिनट का समय लगता है। नए प्रस्तावित रूट से राजधानी चलाई जाने पर तीन घंटे समय का बचत होगा। यात्री डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली करीब 38 घंटों के सफर में पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही उत्तर बिहार के कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, सीतामढ़ी, व चंपारण के लोगों को लाभ मिलेगा।
पटना की तीनों शताब्दी एक्सप्रेस होगी वंदे भारत से रिप्लेस
वंदे भारत एक्सप्रेस पटना की तीनों शताब्दी की जगह लेगी। पूर्व मध्य रेलवे में परिचालित हो रही पटना से हावड़ा, पटना से रांची और पटना से वाराणसी के बीच चल रही जनशताब्दी अब नहीं चलेगी। इनकी जगह वंदे भारत ट्रेन ले लेगी। पूर्व मध्य रेलवे को तीन वंदे भारत मिलेंगी। फिर पाटलिपुत्र स्टेशन से दीघा ब्रिज होते लखनऊ तक ट्रेन परिचालित की जाएगी। बजट में देश में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई जाने की घोषणा की गई है। इसके अनुसार तीना शताब्दी के रिप्लेस होनी है। जबकि झाझा से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच रेल ट्रैक के अपग्रेडेशन के बाद पाटलिपुत्र से लखनऊ की एक और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने वाली है। इसकी रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। इसको ध्यान में रखकर झाझा-पंडित दीनदयाल उपाध्याय ट्रैक पर तेजी से काम चल रहा है।
डीडीयू से हावड़ा रूट के बीच 160 किलोमीटर की गति के स्तर का ट्रैक बनाया जा रहा है। इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम लग रहा है। इसके अलावा गया को भी एक वंदे भारत एक्सप्रेस मिलनी है। खास बात है कि वंदे भारत ट्रेन के चलने से इस रूट के यात्रियों के तीन घंटे समय बचेंगे। फिलहाल इस रूट पर सफर में अठ से 10 घंटे लग जाते हैं। क्योंकि, जनशताब्दी 110 किलोमीटर प्रति घंटे से 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक चलती है। वहीं, वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे है। फिलहाल रांची-पटना जनशताब्दी को 418 किलोमीटर तय करने में आठ घंटे लग रहे हैं।