नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण बिहार में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं. बिहार में बहने वाली नदियों का बड़ी तेजी के साथ चढ़ रहा है. कोसी, बागमती, गंगा और गंडक जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं, जिससे आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं. हालात तेजी से भयावह होते जा रहे हैं. शनिवार (10 अगस्त) को भोजपुर और पटना के दीघा में गंगा नदी का पानी खतरे के निशान के पार कर गया. भोजपुर में गंगा नदी खतरे के निशान से 5 सेंटीमीटर जबकि दीघा में 3 सेमी ऊपर बह रही है. इससे पटना के कई घाट जलमग्न हो गए हैं. भागलपुर में गंगा पहले से ही लाल निशान से ऊपर बह रही है.
मुंगेर में भी गंगा जलप्रौलय लाने की स्थिति में पहुंच गई है. जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा से सटे निचले इलाके में पानी फैलने लगा है. जिले के कुल 9 में से 6 प्रखंडों के कुल 33 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से मंझगांय पंचायत, नाकी पंचायत, बहिरा पंचायत और अग्रहण पंचायत के लगभग एक दर्जन गांवों के किसानों के लगभग तीन सौ एकड़ में लगी धान के फसल डूब गई है. अब पानी गांवों तक पहुंचने की स्थिति में है. ऐसे में स्थानीय लोगों को बड़ी चिंता सता रही है.
कोसी नदी का जलस्तर खगड़िया के बलतारा में लाल निशान के ऊपर बह रहा है. सुपौल के भीम नगर कोसी बराज पर भी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जलस्तर में हो रहे उतार-चढ़ाव से पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर रहने वाले लोग चिंतित हैं. उन्हें डर है कि कहीं फिर से बाढ़ और कटाव का सामना न करना पड़े. उधर, बागमती नदी का जलस्तर भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. नदी का पानी कई निचले इलाकों में फैल गया है. शिवहर जिले में लालबकेया और बागमती नदी उफान पर हैं. गोपालगंज में गंडक, खगड़िया में बूढ़ी गंडक, अररिया में परमान नदी, मधुबनी और झंझारपुर में कमला बलान नदियां खतरे के निशान उपर बह रही हैं.